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CG Panchayat Chunav: बस्तर में पंचायत चुनाव के सफल आयोजन को सीएम साय ने बताया नक्सलवाद पर लोकतंत्र की जीत, बोले- अब बस्तर के गांवों में भी गूंजेगा लोकतंत्र

Bastar Panchayat Chunav: बस्तर संभाग में शांतिपूर्ण मतदान के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस बार बस्तर में पंचायत चुनावों का नक्सलियों की ओर से कोई विरोध नहीं किया जाना क्षेत्र में 40 से अधिक नई सुरक्षा कैंपों की स्थापना और सरकार की ओर से ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रणनीति का परिणाम है.

CG Panchayat Chunav: बस्तर में पंचायत चुनाव के सफल आयोजन को सीएम साय ने बताया नक्सलवाद पर लोकतंत्र की जीत, बोले- अब बस्तर के गांवों में भी गूंजेगा लोकतंत्र

Chhattisgarh Panchayat Election News: छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के लिए सोमवार को वोट डाले गए. इस दौरान बस्तर (Bastar) संभाग के सुकमा (Sukma) और बीजापुर (Bijapur) जिले के अनेक मतदान केंद्रों पर पहली बार अनेक दशकों के बाद ग्राम पंचायतों में मतदान हुए. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnudev Sai) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के प्रथम चरण में लोकतंत्र ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. बस्तर संभाग, जो दशकों तक नक्सलवाद के साए में रहा, अब लोकतंत्र के उजाले की ओर बढ़ रहा है.

इसी कड़ी में सुकमा और बीजापुर जिले के अनेक मतदान केंद्रों पर पहली बार अनेक दशकों के बाद ग्राम पंचायत चुनाव में मतदान हुए. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा कि बस्तर में गनतंत्र के ऊपर गणतंत्र की विजय हो रही है. यह उन सभी ग्रामीणों की जीत है, जिन्होंने भय को त्याग कर लोकतंत्र को अपनाया. यह सुरक्षाबलों के परिश्रम, सरकार की दूरदृष्टि और जनभागीदारी का प्रतिफल है.

चुनाव को बताया भयमुक्त समाज की ओर बढ़ता कदम

चुनाव की सफलता से गदगद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में जनता ने विकास का मार्ग चुना है और  हिंसा को बाहर का रास्ता दिखाया है. उन्होंने कहा कि यह  परिवर्तन राज्य और केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति, सतत विकास कार्यों और सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का परिणाम है. यह केवल एक चुनाव नहीं, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोकतंत्र के प्रति बढ़ते विश्वास और भयमुक्त समाज की दिशा में बढ़ते कदमों का प्रमाण है.

लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत

दरअसल, इस बार बस्तर में पंचायत चुनावों का नक्सलियों की ओर से कोई विरोध नहीं किया जाना क्षेत्र में 40 से अधिक नई सुरक्षा कैंपों की स्थापना और सरकार की ओर से ग्रामीणों में विश्वास बहाल करने की रणनीति का परिणाम है. उल्लेखनीय है कि बस्तर में नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में भी इस बार ग्रामीण मतदान के लिए उत्साहित हैं. यह एक ऐतिहासिक बदलाव है और लोकतांत्रिक मूल्यों की जीत को दर्शाता है.

लोगों में नहीं दिखा नक्सलवाद का खौफ

दरअसल, राज्य में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, दंतेवाड़ा और गरियाबंद जिलों में भी मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया. बीजापुर के पुसनार, गंगालूर, चेरपाल, रेड्डी, पालनार जैसे क्षेत्रों में ग्रामीणों ने निर्भीक होकर मतदान किया.

लोगों का शासन और लोकतंत्र पर बढ़ा विश्वास

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प के मुताबिक मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राज्य सरकार बस्तर के नागरिकों को विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए संकल्पित है. बस्तर में सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल और रोजगार परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे ग्रामीणों का शासन और लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है.

  हर नागरिक की भागीदारी है महत्वपूर्ण

सीएम माय ने आगे कहा कि लोकतंत्र की इस जीत में प्रत्येक नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी मतदान प्रक्रिया का सफल और शांतिपूर्ण आयोजन यह साबित करता है कि लोकतंत्र के प्रति आमजन की आस्था दिनों-दिन मजबूत हो रही है. लोकतंत्र की इस सफलता में हर नागरिक की भागीदारी महत्वपूर्ण है और राज्य के मतदाताओं ने यह दिखा दिया कि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह जागरूक हैं.

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