Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में एक परिवार ऐसा भी है, जिनके पास जीने का कोई सहारा नहीं है. वे उम्र की इस मोड़ में हैं, जब भरण पोषण के लिए हाथ पैर तक काम करना बंद कर देते हैं. वृद्धा अवस्था में बुजुर्ग दंपति राशन दुकान का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. जहां एक तरफ उम्र की मार तो दूसरी ओर बीमार पत्नी की जिम्मेदारी है.
पत्नी का दिमागी संतुलन ठीक नहीं
दरअसल यह कहानी है, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम पंचायत पूंजी की. जहां परिवार में दो बुजुर्ग दंपति रहते हैं. पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं. जिससे जीवन जीने के लिए इन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. ऐसे में एक तरफ उम्र का तकाजा है, वहीं दूसरी तरफ पत्नी की बीमारी. बुजुर्ग रामनाथ यादव की पत्नी का दिमागी संतुलन ठीक नहीं होने की वजह से पत्नी चिंता में खोई रहती हैं. व
मुझे राशन आज तक नहीं दिया
वहीं, रामनाथ यादव अपनी बढ़ती उम्र को लेकर और अपने पैरों से लाचार हैं. बुजुर्ग दंपत्ति को शासन से मुफ्त राशन देने की योजना है, लेकिन इन्हें दो महीने से राशन नहीं मिल रहा है. रामनाथ यादव ने बताया कि दो-तीन महीने से सभी को राशन दे रहे हैं, लेकिन मुझे राशन आज तक नहीं दिया, इतनी हताश जिंदगी जीने को मजबूर हैं कि ठीक से रामनाथ यादव किसी के सामने अपनी पीड़ा भी नहीं सुना पा रहे हैं.
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फिंगर प्रिंट ही नहीं लग रहा था
राशन दुकान के संचालक एक ऐसा रटा रटाया जवाब देते हैं, इनका कहना रहता है कि इनका फिंगर प्रिंट ही नहीं लग रहा था, इस वजह से इनको राशन नहीं दिया जा रहा था. शासन ऐसे बुजुर्गों के लिए हर स्तर पर सहयोग कर रही है, लेकिन इस प्रकार के दुकानदार चंद पैसों की खातिर ऐसे लोगों को भूखे तड़पने के लिए मजबूर कर देते हैं. क्या शासन प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्रवाई करके इनको निरस्त करेगी. बिमला सिंह, सरपंच पूंजी ने कहा कि मुझे अभी पता चला है कि गरीबों को 2 महीने से चावल नहीं मिला है. मैं इसकी जांच करवाउंगी.
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