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Naxal Encounter: नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़े ऑपरेशन के बीच हिड़मा का गांव हुआ 'विरान', NDTV को दिखे बस एक-दो बच्चे

Chhattisgarh Naxal Encounter: बीजापुर और तेलंगाना की सरहदी इलाके कर्रे गट्टा की पहाड़ी में सुरक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन जारी है. बताया जाता है कि सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन नंबर एक को चारों तरफ से घेर रखा है.

Naxal Encounter: नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़े ऑपरेशन के बीच हिड़मा का गांव हुआ 'विरान', NDTV को दिखे बस एक-दो बच्चे

Sukma Naxal Attack News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ सुरक्षाबलों का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है. यहां सुरक्षाबलों के 10 हजार नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. बताया जाता है कि जवानों ने हिड़मा समेत कई बड़े नक्सली नेताओं को घेर रखा है. कर्रे गुट्टा ऑपरेशन के बीच एनडीटीवी की टीम ने सुकमा जिले (Sukma District) में स्थित कुख्यात नक्सली हिड़मा (Hirma) के गांव पुवर्ती (Puwarti) का रुख किया. यहां पहुंचने पर देखा कि गांव वाले गांव छोड़कर कहीं जा चुके हैं. वहीं, नक्सली हिड़मा का घर खंडहर में तब्दील हो चुका है. 

कर्रे गुटा की पहाड़ी में घिरे हिडमा का यह गांव आयरन ओर की पहाड़ियों से घिरा है, हालांकि, नक्सल समस्या की वजह से इसका दोहन नहीं हो पा रहा था, लेकिन यहां अब सीआरपीएफ का कैम्प खुल चुका है. पुवर्ती गांव में सोलर पैनल के जरिए पहुंची बिजली पहुंची है. लेकिन, यहां सन्नाटे का राज कायम है. दरअसल, यहां अधिकांश घरों में सन्नाटा है. कहीं-कहीं खाली घरों के बाहर एक दो बच्चे दिखे. हालांकि, गांव में सन्नाटा क्यों है, यह बताने वाला कोई नहीं हैं. यहां एक अस्थाई आंगनबाड़ी स्कूल खोले गए हैं, जो सीआरपीएफ कैम्प में चल रहा है. हिडमा का मिट्टी का घर खंडहर हो चुका है, जबकि हिड़मा के रिश्तेदार का घर खाली पड़ा हुआ है. 

6 दिन से जारी है मुठभेड़

बीजापुर और तेलंगाना की सरहदी इलाके कर्रे गट्टा की पहाड़ी में सुरक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन जारी है. बताया जाता है कि सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन नंबर एक को चारों तरफ से घेर रखा है. दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि माओवादियों के सबसे खूंखार लीडर हिड़मा, देवा और सुधाकर कर्रे गट्टा की पहाड़ी में मौजूद है. इसके बाद ऑपरेशन लॉन्च किया गया, जो पिछले 6 दिन से जारी है. 

अब तक 3 नक्सलियों की मौत

अब तक तीन माओवादियों के शव मिले हैं.  इस दौरान नक्सलियों की एक गुफा भी सुरक्षाबलों ने खोजी. माना जा रहा है कि नक्सलियों के बड़े नेता सुरक्षाबलों से बचने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे.  ऑपरेशन संकल्प के चलते हिड़मा के पास दो विकल्प बचे हैं. एक सरेंडर करना और दूसरा सुरक्षा बलों की गोली से मरना. 

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नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड है हिड़मा 

साल 2010 में दंतेवाड़ा में हुए हमले में 75 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. माना जाता है कि इसे हिड़मा के निर्देशन में अंजाम दिया गया था. 2013 में झीरम घाटी में हुए कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर हमले में कई वरिष्ठ नेता मारे गए था. माना जा रहा है कि ये हमला भी हिड़मा के निर्देश पर ही किया गया था. इसके अलावा, 2017 में सुकमा हमले में भी हिड़मा की भूमिका प्रमुख मानी जाती है. 

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