
Naxal Encounter in Narayanpur Chhattisgarh: नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच बहुत बड़ा मुठभेड़ चल रहा है. सूक्षों के मुताबिक पिछले दो दिनों से पांच हजार से भी ज्यादा संख्या में जवानों ने कुख्यात नक्सली हिड़मा, देवा, केशव और सहदेव सहित कई बड़े नक्सलियों को घेर रखा है. बताया जा रहा है कि कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर अब भी भीषण मुठभेड़ चल रही है.
सूत्रों के मुताबिक दोनों तरफ से लगातार फायरिंग चल रही है. अब तक हुए एनकाउंटर में 3 महिला वर्दीधारी नक्सलियों के शव हथियार समेत बरामद हुए हैं. सुरक्षाबलों की ओर से जारी बयान के मुताबिक मुठभेड़ में कई बड़े नक्सलियों के मारे जाने और घायल होने की संभावना है . मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और माओवादी सामग्री बरामद हुई है. मृत नक्सलियों की पहचान की जा रही है.
सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम है मुठभेड़ में शामिल
दरअसल, जिला बीजापुर के दक्षिण पश्चिम सीमावर्ती क्षेत्रान्तर्गत अंतरराज्यीय सीमा जंगल में माओवादियों के उपस्थिति की आसूचना के बाद DRG /STF/CoBRA /Bastar Fighters/CRPF की संयुक्त टीम नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर निकली थी . यहां मुठभेड़ और सर्च अभियान लगातार जारी है. विस्तृत जानकारी अभियान पूरा होने के बाद जारी होने की संभावना है.
तेलंगाना में नक्सलियों ने जमा रखा है डेरा
सुरक्षाबल के अधिकारियों के मुताबिक बीजापुर जिले के दक्षिण पश्चिम सीमावर्ती क्षेत्र के अंतर्गत अंतरराज्यीय सीमा के जंगल में माओवादियों के सबसे मजबूत सैन्य संगठन बटालियन नंबर एक के वरिष्ठ सदस्यों और माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति की मौजूदगी के बारे में मिली सूचना के आधार पर सोमवार को अभियान शुरू किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि यह सुरक्षाबलों का निर्णायक अभियान है, जो कुछ और दिन लगातार चलेगा. उन्होंने बताया कि घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह इलाका माओवादियों की बटालियन नंबर एक का आधार क्षेत्र बताया जाता है.
इस वर्ष अब तक मारे जा चुके हैं 144 नक्सली
इस मुठभेड़ के साथ ही इस वर्ष अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 144 नक्सली मारे जा चुके हैं. इनमें से 127 बस्तर संभाग में मारे गए हैं. बस्तर संभाग में बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस महीने की पांच तारीख को दंतेवाड़ा में कहा था कि नक्सली 'हमारे अपने लोग' हैं और जब वे मारे जाते हैं, तो कोई भी खुश नहीं होती है. शाह ने कहा था कि उन्हें आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा था कि सरकार नक्सली खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार ने देश से मार्च 2026 तक नक्सल समस्या को समाप्त करने की घोषणा की है.