Chhattisgarh Online Electricity Bill: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) की ओर से बिजली की दरों (Electricity Rate Hike) में वृद्धि के विरोध में डेढ़ सौ से ज़्यादा मिनी स्टील प्लांट में दूसरे दिन भी काम बंद रहा, जिसकी वजह से प्रदेश में स्टील उत्पादन का काम पुरी तरह से रुक गया है. छत्तीसगढ़ में स्टील उत्पादन (Steel Production in Chhattisgarh) रुकने से स्टील के दामों में आने वाले दिनों में वृद्धि हो सकती है. दरअसल, छत्तीसगढ़ देश में स्टील उत्पादन में दूसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर ओडिशा (Odisha) है, जिसका देश के स्टील उत्पादन का 26 प्रतिशत योगदान है. वहीं, छत्तीसगढ़ में देश के स्टील उत्पादन में 22 प्रतिशत भागीदारी है.
मिनी स्टील एसोसिएशन ने सीएम से की मुलाक़ात
बिजली की दरों में वृद्धि को वापस लेने के लिए मिनी स्टील एसोसिएशन ने सीएम विष्णु देव साय से मंगलवार देर रात मुलाक़ात की. इस दौरान इन लोगों ने सीएम साय को बताया कि छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांट संकट में है. दरअसल, बिजली दरों में वृद्धि से उनके बिल में 24 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो गई है, जिसकी वजह से एक टन स्टील उत्पादन की लागत में दो से ढाई हज़ार की वृद्धि हो जाएगी. मई महीने में आये बिल की तुलना में जून महीने के बिल पच्चीस प्रतिशत बढ़े हुए आए है.
ये बताई परेशानी
इन लोगों ने सीएम से कहा कि हमारी बिजली के बढ़े हुए बिल कू वजद ह से हमारी लागत बढ़ जाएगी, जिससे वे दूसरे राज्यों के मिनी स्टील से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पायेंगे एसोसिएशन का कहना है बिजली की दरें उड़ीसा और झारखंड से ज़्यादा हो चुकी है निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादन लागत चार रुपए यूनिट से कम है बढ़े दामों से एक यूनिट की की दर 7.60 पैसे पहुंच गई है पहले पहले 6.10 पैसे के क़रीब थी सीएम साय ने एसोसिएशन की बात सुनकर दो अगस्त तक सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है.
एसोसिएशन ने दी ये बड़ी चेतावनी
मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नचरानी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मिनी स्टील संचालकों ने खुशी से प्लांट बंद नहीं किए हैं. वे मजबूर हैं, क्योंकि प्लांट चलाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में कोई कब तक घाटे में प्लांट चलाएगा. अनिल नचरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से बड़ी उम्मीद है कि वे राज्य के उद्योग के हित फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि अगर बिजली दरों में कमी नहीं होती है, तो मिनी स्टील प्लांट संचालक सीएसपीडीसीएल से अनुबंध ख़त्म करने के लिए मजबूर होंगे और निजी पावर प्रोडूसिंग कंपनी से बिजली ख़रीदेंगे.
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'निजी सेक्टर की बिजली है पांच रुपये यूनिट'
मिनी स्टील एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को दिया ज्ञापन में कहा है कि निजी क्षेत्र की बिजली की दर पांच रुपये यूनिट है. उन्हें सीएसपीडीसीएल से महंगी बिजली ख़रीदने मजबूर किया जा रहा है, जबकि निजी पावर प्लांट की चार रुपये प्रति यूनिट उत्पादन लागत आती है. इसलिए सीएसपीडीसीएल को भी प्रतिस्पर्धा में आना चाहिए.
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