Chhattisgarh IPS Transfer News: छत्तीसगढ़ सरकार सोमवार देर शाम तीन आईपीएस अफसरों के तबादले का आदेश जा किया. इस आदेश के मुताबिक, 2011 बैच के कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला को डीआईजी (छसबल) सरगुजा बनाया गया है. वहीं. गरियाबंद एसपी निखिल अशोक कुमार को कांकेर एसपी बनाया गया है. इसके अलावा, वेदव्रत सिरमौर को गरियाबंद में नए एसपी के तौर पर तैनात किया गया है.
छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग ने पुलिस महकमे में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक निखिल अशोक कुमार रखेचा को अब कांकेर जिले की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. शासन द्वारा जारी ताजा आदेश में आईपीएस निखिल रखेचा की काबिलियत पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक और चुनौतीपूर्ण जिले की कमान दी गई है. 10 अक्टूबर 2024 को गरियाबंद में पदभार ग्रहण करने वाले निखिल रखेचा का लगभग 14 महीनों का कार्यकाल जिले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ.


राज्य पुलिस सेवा के अफसरों का भी तबादला
इसके अलावा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का भी बड़े पैमाने पर तबादला कर दिया गया है. इनमें एएसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं. ASP रैंक के 35 और डीएसपी रैंक के 60 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. इसके साथ ही दुर्ग के एएसपी अभिषेक कुमार झा विशेष आसूचना शाखा बस्तर कैंप भेजे दिए गए हैं. वहीं, रायपुर एएसपी कीर्तन राठौर को राजनंदगांव का एएसपी बनाया गया है. गौरतलब है कि लंबे समय से एएसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों के तबादले की चर्चा चल रही थी.
रखेचा की नक्सल मोर्चे पर ऐतिहासिक सफलता
निखिल रखेचा के इन 14 महीनों के कार्यकाल को गरियाबंद जिले के इतिहास का सबसे सफल दौर माना जा रहा है. उनके नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने जिले में नक्सलवाद की कमर तोड़कर रख दी. इस दौरान पुलिस ने रिकॉर्ड 31 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि पुलिस के बढ़ते दबाव और पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर 35 से ज्यादा नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमर्पण किया. रखेचा की सबसे बड़ी उपलब्धि जिले में सक्रिय दो बड़े इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्यों का सफाया रही.
करोड़ों के इनामी नक्सलियों का खात्मा
ज्वाइनिंग के महज 3 माह के अंदर गरियाबंद में उनके नेतृत्व की सबसे बड़ी गूंज तब सुनाई दी, जब 20 जनवरी 2025 में 16 नक्सलियों के साथ एक करोड़ के इनामी सीसी सदस्य चलपति को मार गिराने में सफलता मिली थी, जो ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर आतंक का पर्याय बना हुआ था. इसके बाद सितंबर 2025 में हुई एक बड़ी मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी और सेंट्रल कमेटी सदस्य मोडेम बालकृष्ण उर्फ बालन्ना समेत 10 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया. इससे पहले इन दोनों ही ऑपरेशंस ने देशव्यापी स्तर पर सुर्खियां बटोरीं और गरियाबंद पुलिस का मान बढ़ाया.
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चुनौतीपूर्ण कांकेर में नई शुरुआत
शासन ने निखिल रखेचा के इसी शानदार ट्रैक रिकॉर्ड और फील्ड पर रिजल्ट देने की अद्भुत क्षमता को देखते हुए उन्हें अब कांकेर जैसे संवेदनशील जिले में तैनात किया है. विभाग में चर्चा है कि कांकेर में नक्सल विरोधी अभियानों को नई गति देने के लिए रखेचा सबसे उपयुक्त अधिकारी साबित होंगे. आदेश के अनुसार निवर्तमान कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला को पदोन्नत कर डीआईजी सरगुजा रेंज बनाया गया है, जबकि पर्यटन विभाग से लौटे वेदव्रत सिरमौर अब गरियाबंद की कमान संभालेंगे. निखिल रखेचा के इस तबादले को शासन का एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है, जिससे आने वाले समय में कांकेर में सुरक्षा व्यवस्था को एक नई मजबूती मिलने के आसार है.
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