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This Article is From Apr 02, 2025

सरकारी जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर... बड़े घोटाले का हुआ पर्दाफाश, बर्खास्त हुआ पटवारी

Chhattisgarh Land Scam: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें तहसील कार्यालय लटोरी में पदस्थ पटवारी बालचंद राजवाड़े को सरकारी जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर करने का दोषी पाया गया है. उन्हें सेवा से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है.

सरकारी जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर... बड़े घोटाले का हुआ पर्दाफाश, बर्खास्त हुआ पटवारी
सरकारी जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर के आरोप में पटवारी बर्खास्त

Chhattisgarh Government Land Scam: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के राजस्व विभाग में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें तहसील कार्यालय लटोरी में पदस्थ पटवारी को सरकारी जमीन के रिकॉर्ड में हेरफेर करने का दोषी पाया गया है. मामले में पटवारी को बर्खास्त कर दिया गया है. 

जानकारी के अनुसार लटोरी स्थित तहसील कार्यालय मं पदस्थ पटवारी बालचंद राजवाड़े को शासकीय भूमि के रिकॉर्ड में हेरफेर करने का दोषी पाया गया. इस घोटाले के चलते सूरजपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने आदेश जारी कर पटवारी बालचंद को सेवा से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. 

शासकीय भूमि को निजी नामों पर दर्ज करने का आरोप

जांच में पाया गया कि ग्राम मदनपुर की शासकीय भूमि, जिसमें खसरा नंबर 83/2, 84, 89, 101, 104, 105, 108 समेत कई अन्य खसरों को ऑनलाइन रिकॉर्ड में हेरफेर कर चिन्ता राम राजवाड़े एवं शिवलाल पिता चिन्ता राम के नाम पर दर्ज कर दिया गया. इसके अलावा, खसरा नंबर 66, 48, 67, 68, 457 की शासकीय भूमि को भी अवैध रूप से मद परिवर्तन कर प्रकाश समद्दार एवं शैलेन्द्र समद्दार के नाम दर्ज कर दिया गया. इसी तरह, खसरा नंबर 58, 168, 109 को सुखरंजन हालदार के नाम से और बाद में विभा सिंह पति सुखरंजन हालदार के नाम स्थानांतरित कर दिया गया.

इसमें ऑनलाइन रिकॉर्ड में बड़े स्तर पर हेरफेर की बात सामने आई. इस पूरे घोटाले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पटवारी बालचंद ने सभी नामांतरण ऑनलाइन रिकॉर्ड में बिना किसी वैध आदेश या दस्तावेज संलग्न किए कर दिया. दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि ये सभी भूमि 'छोटे झाड़ जंगल' की श्रेणी में आती थीं, लेकिन पटवारी ने इन्हें व्यक्तिगत स्वामित्व की भूमि के रूप में दर्ज कर दिया. 

बर्खास्तगी का आदेश जारी, प्रशासन ने जताई कड़ी आपत्ति

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सूरजपुर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1968 के तहत पटवारी बालचंद को सेवा से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का आदेश पारित किया. आदेश क्रमांक 573/अ.वि.अ./स्था./2025 के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से पटवारी बालचंद की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले को गंभीर आर्थिक अपराध मानते हुए कहा कि राजस्व रिकॉर्ड में इस प्रकार की गड़बड़ियां सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे को बढ़ावा देती हैं. इस घोटाले में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है. यदि अन्य अधिकारी भी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

जमीन घोटाले पर सरकार की सख्ती

राज्य सरकार शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे और राजस्व विभाग में हो रही धांधलियों को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं. यह मामला इस बात का प्रमाण है कि प्रशासन अब ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई करने के लिए तत्पर है. अब आगे इस मामले के उजागर होने के बाद स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि शासकीय भूमि को निजी स्वामित्व में बदलने का यह खेल लंबे समय से चल रहा था. अब सवाल उठता है कि क्या यह घोटाला केवल पटवारी तक सीमित था या इसमें बड़े अधिकारियों की भी मिलीभगत थी? प्रशासन इस दिशा में भी जांच कर रहा है. बहरहाल, सूरजपुर जिले में हुए इस राजस्व घोटाले ने एक बार फिर सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और निगरानी की जरूरत को उजागर कर दिया है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस तरह के मामले में और क्या कदम उठाता है. 

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