Chhattisgarh Rajyotsava: 25 साल में क‍ितनी बदल गई स्वास्थ्य-शिक्षा की तस्वीर? छत्तीसगढ़ राज्‍योत्‍सव पर जानें इनसाइड स्‍टोरी

Chhattisgarh Rajyotsava 2025 पर छत्तीसगढ़ अपने 25 वर्ष पूरे कर रहा है. Chhattisgarh Foundation Day के मौके पर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. जहाँ साल 2000 में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं अब पूरे छत्तीसगढ़ में 10 से ज्यादा Medical Colleges और 1700 MBBS Seats हैं. Super Speciality Hospitals और Nursing Colleges की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है. साथ ही Higher Education के क्षेत्र में IIT, IIM, AIIMS, NIT, Central University जैसे संस्थानों की स्थापना से राज्य के युवाओं को बेहतर अवसर मिले हैं.

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Chhattisgarh Foundation Day 2025: स्वास्थ्य और शिक्षा किसी भी राज्य के विकास की रीढ़ होती है. छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2025 को अपना 25वां स्थापना दिवस यानी कि रजत जयंती वर्ष मना रहा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ राज्‍योत्‍सव पर सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि 1 नवंबर 2000 को देश के 26वें राज्य के रूप में स्थापित छत्तीसगढ़ में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या बदलाव हुए हैं? मध्य प्रदेश से अलग होकर बने छत्तीसगढ़ राज्य में शुरुआती दौर में स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. चिकित्सा शिक्षा के लिए राज्य में एकमात्र मेडिकल कॉलेज था और दूरस्थ इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं थे. 

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छत्तीसगढ़ में 10 मेडिकल कॉलेज, MBBS की सीटें 1700 से ज्यादा

छत्तीसगढ़ राज्‍योत्‍सव 2025 के मौके पर आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2000 में छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक सरकारी मेडिकल कॉलेज (रायपुर) था और एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए सीटें सीमित थीं. चिकित्सकों और खासकर विशेषज्ञ डॉक्टरों की प्रदेश में काफी कमी थी. 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 1 से बढ़कर 10 से अधिक हो गई है. एमबीबीएस में दाखिले की सीटें 150 से बढ़कर 1700 से ज्यादा हुई हैं. 

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छत्तीसगढ़ में सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं का विस्तार

छत्तीसगढ़ में नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है. राज्य में प्राथमिक, उप-स्वास्थ्य एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या में तीन गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है. छत्तीसगढ़ के हर जिला मुख्यालय में जिला अस्पताल और स्पेशियलिटी विंग की स्थापना कर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा सरकार कर रही है. राजधानी रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं का विस्तार किया गया है. मातृ-शिशु मृत्यु दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है. 

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छत्तीसगढ़ में नए मेडिकल कॉलेज

वर्तमान में बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर, राजनांदगांव, कोरबा, महासमुंद, कांकेर, जांजगीर और कवर्धा आदि जिलों में नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं. पोस्टग्रेजुएट शिक्षा (MD/MS) के अवसरों में भी पर्याप्त वृद्धि हुई है. राज्य में शासकीय के अलावा निजी मेडिकल कॉलेज भी राज्य स्थापना के बाद संचालित हो रहे हैं. नर्सिंग स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ में 60 से अधिक नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं. राज्य में पैरामेडिकल कॉलेज और ANM/GNM ट्रेनिंग सेंटर भी खोले गए हैं. वर्ष 2000 में राज्य में लगभग 700 PHC हुआ करते थे, जो 2025 में बढ़कर 2500 से ज़्यादा हो गए हैं. CHC की संख्या 300 से अधिक हो गई है. गाँव-गाँव में उप-स्वास्थ्य केन्द्र आरम्भ किए जा रहे हैं. 

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उच्च और तकनीकी शिक्षा में बड़ा बदलाव

छत्तीसगढ़ में पिछले 5 वर्षों में उच्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े परिवर्तन हुए हैं. राज्य स्थापना के दौरान उच्च शिक्षा के लिए रायपुर और बिलासपुर में ही केवल विश्वविद्यालय संचालित थे, लेकिन स्थापना के बाद दुर्ग, सरगुजा और बस्तर में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई. इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा के लिए Ayush University, तकनीकी शिक्षा के लिए Chhattisgarh Swami Vivekanand Technical University, Kamdhenu Veterinary University, Kushabhau Thakre Journalism University की स्थापना हुई. साथ ही IIIT, IIT, AIIMS, IIM, NIT, HNLU और Central University जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का संचालन भी राज्य में हो रहा है. इससे प्रदेश के विद्यार्थियों को राज्य में ही बेहतर उच्च शिक्षा हासिल करने का अवसर मिल रहा है.

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