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छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाला: 50 करोड़ के 'कैश कन्वर्टर' राकेश जैन गिरफ्त में, 7 दिन की रिमांड

CG Coal Levy Scam: छत्तीसगढ़ के कथित कोल लेवी घोटाले में 50 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि को फर्जी कंपनियों और हवाला के जरिए कैश में बदलने वाले मास्टरमाइंड राकेश कुमार जैन को ACB ने गिरफ्तार किया है. आरोपी को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, जहाँ उससे सूर्यकांत तिवारी और अनवर ढेबर तक पैसा पहुंचाने के साक्ष्यों पर पूछताछ की जाएगी.

छत्तीसगढ़ कोल लेवी घोटाला: 50 करोड़ के 'कैश कन्वर्टर' राकेश जैन गिरफ्त में, 7 दिन की रिमांड

Coal Levy Rakesh Jain Arrested: छत्तीसगढ़ के कथित कोल लेवी घोटाले में आर्थिक अपराध ब्यूरो (EOW/ACB) ने बड़ी कार्रवाई की है. फर्जी कंपनियों के जरिये अवैध लेवी को कैश में बदलने के मास्टरमाइंड राकेश कुमार जैन को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है. राकेश जैन पर 50 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध लेवी को फर्जी कंपनियों, हवाला और नकली खर्चों के जरिए कैश में कन्वर्ट करने का गंभीर आरोप है. आरोपी को 12 दिसंबर 2025 को विशेष न्यायालय रायपुर में पेश किया गया, जहाँ से न्यायालय ने उसे 19 दिसंबर 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.

फर्जी कंपनियों से 50 करोड़ का 'कैश कन्वर्ट'

एसीबी द्वारा राकेश कुमार जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. जांच में खुलासा हुआ है कि राकेश जैन ने आपराधिक षडयंत्र के तहत दर्जनों फर्जी कंपनियां बनाईं और इनके जरिये करोड़ों रुपये की लेयरिंग की.अवैध कोल लेवी से प्राप्त रकम को हवाला रूट और फर्जी खर्चों के नाम पर ट्रांजेक्शन कराकर कैश में बदल दिया जाता था. जांच के अनुसार, लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को इसी तरह कैश में कन्वर्ट कर कोल लेवी घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी तक पहुंचाया गया.

शराब घोटाले के आरोपियों से भी लिंक

एसीबी की जांच में यह भी सामने आया है कि राकेश जैन केवल कोल लेवी घोटाले तक ही सीमित नहीं था. आरोपी ने कथित शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर के लिए भी 'एंट्री ऑपरेशन'कर अवैध धन को 'पक्का' करने का काम किया. अनवर ढेबर और सूर्यकांत तिवारी को पैसा पहुंचाने के साक्ष्य एसीबी को मिले हैं. इस एंगल पर भी ब्यूरो द्वारा जांच जारी है.

फरार चल रहा था मास्टरमाइंड

जांच एजेंसियों के अनुसार, राकेश जैन ने खुद,अपने साले,कर्मचारियों और परिचितों के नाम पर दर्जनभर से अधिक फर्जी कंपनियां खड़ी की थीं. इन्हीं कंपनियों के माध्यम से घोटाले की रकम को सफेद दिखाकर नकद निकाला जाता था. राकेश जैन पहले भी धोखाधड़ी के कई मामलों में आरोपी रह चुका है और लंबे समय से फरार चल रहा था. उसके खिलाफ कोतवाली रायपुर और मौदहापारा थानों में पहले भी कई अपराध दर्ज हैं.
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