
Chhattisgarh Cabinet Meeting: सीएम आवास में बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnudev Sai) कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. कैबिनेट ने पीएम सूर्य घर योजना में राज्य की ओर से सब्सिडी देने का फैसला भी लिया गया. इसके साथ शहीद पुलिसकर्मी के पात्र परिजन को पुलिस के अलावा दूसरे विभाग में अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया. कैबिनेट में एससी-एसटी (SC-ST) के लाभ से वंचित पांच उपजातियों को छात्रवृत्ति देने का निर्णय भी लिया गया.
एसटी-एससी की इन पांच जातियां होंगी लाभान्वित
मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सूची में तकनीकी कारणों से शामिल होने से वंचित जातियां डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव, पबिया और पविया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के बराबर और डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समान राज्य मद छात्रवृत्ति व शिष्यवृत्ती प्रदान किए जाने और छात्रावास-आश्रमों में स्वीकृत सीट के अधीन प्रवेश दिए जाने की सुविधा प्रदान करने को मंजूरी दी गई.
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में राज्य सरकार भी देगी छूट
छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना में राज्य शासन की ओर से उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता दिए जाने के फैसले पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है. इसके तहत एक किलोवाट, जो किलोवाट, तीन किलोवाट और उससे अधिक के आधार पर अलग-अलग छूट दी जाएगी.
दो वर्ष में 390 करोड़ का आएगा वित्तीय भार
उदाहरण के लिए, एक किलोवाट प्लांट के लिए कुल 45,000 रुपये, (30,000 रुपये केंद्रीय और 15,000 रुपये राज्य सहायता), जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के प्लांट के लिए 1,08,000 रुपये (78,000 रुपये केंद्र और 30,000 रुपये राज्य सहायता) के तौर पर मदद मिलेगी. यह अनुदान राशि CSPDCL को अग्रिम रूप से मिलेगी और वही इसे लाभार्थियों को देगी. वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 180 करोड़ एवं 2026-27 में 210 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा.
शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों अनुकंपा नियुक्ति पर भी मुहर
मंत्रिपरिषद ने शहीद पुलिसकर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को ध्यान में रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति हेतु जारी एकजाई पुनरीक्षित निर्देश-2013 की कंडिका 13 (3) में संशोधन का भी निर्णय लिया है. इसके तहत अब नक्सली हिंसा में शहीद पुलिस सेवकों के प्रकरण में उनके परिवार के किसी भी पात्र सदस्य (महिला या पुरुष) को विकल्प के आधार पर पुलिस विभाग के अलावा, किसी अन्य विभाग में, राज्य के किसी भी जिला, संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी. पहले अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी विभाग या कार्यालय में देने की व्यवस्था थी, जिसमें दिवंगत शासकीय सेवक निधन के पूर्व कार्यरत था.
छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने राज्य में वन्यजीव, खासकर बाघों के संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी" के गठन का फैसला लिया है. यह सोसायटी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत काम करेगी. मध्य प्रदेश में यह 1996 से संचालित है. इसका मुख्य लक्ष्य छत्तीसगढ़ में लगातार घट रही बाघों की आबादी (फिलहाल लगभग 18-20) को बचाना है. यह संस्था स्व-वित्तपोषित होगी, जिससे सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा. यह सहयोग देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं से फंड जुटाएगी.
टाइगर फाउंडेशन सोसायटी से ये हैं उम्मीदें
यह सोसायटी बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में सीधे शामिल होगी. यह स्थानीय समुदाय की भागीदारी से ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी, जिससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और आय के अवसर भी पैदा होंगे. साथ ही, यह पर्यावरणीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करेगी, जिससे भविष्य के संरक्षणवादी तैयार होंगे. इस पहल से संरक्षण के लिए बाहरी धन, विशेषज्ञता और संसाधन मिलेंगे, जिससे स्थानीय समुदायों को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य का पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा.
यो दो संस्थान होंगे मर्ज
मंत्रिपरिषद ने अशासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था ‘‘रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था ‘‘विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर और सेवाएं, छत्तीसगढ़ (विश्वास) को रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में अंतर्भूत (मर्ज) करने का अनुमोदन किया गया.
उद्यानिकी विश्वविद्यालय के 100 एकड़ निशुल्क भूमि
उद्यानिकी महाविद्यालय को उद्यानिकी विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाएगा. इसके लिए बेमेतरा जिले के साजा तहसील अंतर्गत बेलगांव में राजगामी संपदा की 94.290 हेक्टेयर भूमि में से 100 एकड़ भूमि उद्यानिकी विभाग को निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया गया.
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जशपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों की ओर से हर्बल व महुआ चाय जैसे पारंपरिक उत्पाद ‘JashPure' ब्रांड के तहत तैयार किए जा रहे हैं. इन उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने और विपणन को बढ़ावा देने हेतु इस ब्रांड को राज्य शासन अथवा CSIDC को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को मंत्री परिषद ने अनुमोदित किया. इस ब्रांड हस्तांतरण से एग्रो व फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय कच्चे माल की मांग बढ़ेगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे. ट्रेडमार्क हस्तांतरण से राज्य पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा.
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