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चोरी-छिपे करा रहे थे 4 नाबालिगों की शादी, प्रशासन ने ऐसे रोका बाल विवाह

Balrampur Child Marriage Case: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में प्रशासन ने चार नाबालिगों की शादी को रोक दिया. ये शादियाँ अलग-अलग गांव में चोरी-छुपे कराई जा रही थीं. प्रशासन ने वर-वधु पक्ष को समझाइश देते हुए कहा कि अगर नहीं माने तो नियमानुसार दोनों पक्षों पर वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी.

चोरी-छिपे करा रहे थे 4 नाबालिगों की शादी, प्रशासन ने ऐसे रोका बाल विवाह
बाल विवाह

Balrampur Child Marriage: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक बार फिर से बाल विवाह का मामला सामने आया है, जहां अलग-अलग गांव में हो रहे चार नाबालिगों को चोरी-चुपके बाल विवाह जैसी कुप्रथा की भेंट चढ़ाई जा रही थी. इसकी भनक प्रशासन को लगी और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह को रुकवाया.

प्रशासन ने वर-वधु पक्ष को समझाइश देते हुए कहा कि अगर नहीं माने तो नियमानुसार दोनों पक्षों पर वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी. अक्षय तृतीया के मद्देनजर लगातार महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग सजग है. 

जानकारी के मुताबिक, जिले के कुसमी विकासखंड के घुटराडीह पंचायत और तरैनी गांव में बीते दिन बाल विवाह किया जा रहा था. इसे प्रशासन के द्वारा तत्काल विवाह स्थल पर पहुंच कर रुकवाया गया. वहीं दूसरा मामला रामचंद्रपुर विकासखंड का है, जहां के भंवर माल गांव में एक ही घर पर दो नाबालिगों की शादी चोरी-छुपे कराई जा रही थी. हालांकि समय रहते प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बाल विवाह को होने से रोक लिया. विवाह कार्यक्रम में उपस्थित दोनों पक्षों को समझाइए देते हुए प्रशासन ने कहा कि बच्चों की शादी निर्धारित समय होने पर करना चाहिए. कम उम्र में विवाह करना कानून अपराध है. बावजूद इसके अगर नहीं माने तो वर-वधु पक्ष सहित पूरे विवाह कार्यक्रम में उपस्थित लोगों पर बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. 

बाल विवाह है कानूनी अपराध 

छत्तीसगढ़ प्रदेश को मध्य प्रदेश से अलग हुए करीब दो दशक बीत गए हैं और बलरामपुर जिला भी अपना एक दशक पूर्ण कर चुका है, लेकिन अभी भी लोगों में शिक्षा का अभाव पूरी तरह से देखा जा रहा है. लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है. इस बीच प्रशासन लगातार बाल विवाह को रोकने का प्रयास कर रहा है. 

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कर रहे हैं जागरूक 

जिले में लगातार बाल विवाह जैसी घटनाओं के सामने आने के बाद जिला प्रशासन लगातार पुलिस विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आम जनों के बीच प्रचार-प्रसार कर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसमें बताया जा रहा है कि कम उम्र में विवाह करने पर कई सारे दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं. 

अक्षय तृतीया पर प्रशासन की पैनी नजर

जिले में आमतौर पर आगामी अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों पर शादी विवाह जोरों पर रहता है. ऐसे में संभावित बाल विवाह आयोजनों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही है, जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम एवं तहसील स्तर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर्यवेक्षक को बाल विवाह रोकथाम की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा विशेष तौर पर एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1098 भी जारी किया गया है. साथ ही लोगों से अपील की गई है कि आसपास में हो रहे बाल विवाह के बारे में अगर जानकारी हो तो इस नंबर पर संपर्क कर इस कुप्रथा को रोकने में सहयोग करें. 

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