Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ की एक अदालत (Court) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री (Ex CM) रमन सिंह (Raman Singh) के प्रमुख सचिव (Principal Secretary) रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) का मामला बंद कर दिया है. रायपुर की अदालत ने ईओडब्ल्यू-एसीबी (EOW-ACB) की अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनता है. राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो Economic Offence Wing (EOW) - भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो Anti Corruption Bureau (ACB) की अंतिम रिपोर्ट में कहा था कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया जा सकता है.
क्या मामला?
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने फरवरी 2020 में एक आरटीआई (RTI) कार्यकर्ता (RTI Activist) के दावे के आधार पर इस संबंध में प्राथमिकी संख्या 09/2020 दर्ज की थी.
वर्तमान भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले पिछले साल दिसंबर में राज्य ईओडब्ल्यू ने अंतिम रिपोर्ट दायर की थी. निचली अदालत ने अब अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए प्राथमिकी रद्द कर दी है.
कौन थे अमन सिंह?
भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Service) के पूर्व अधिकारी अमन सिंह, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में एक रसूखदार नौकरशाह और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे. उन्होंने नवंबर 2022 में सेवा से इस्तीफा दे दिया और अडाणी समूह (Adani Group) में शामिल हो गए.
अमन सिंह परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार ने उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए प्राथमिकी का इस्तेमाल किया. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुमार ने कहा कि राजनीतिक विचारों के लिए ईमानदार अधिकारियों को निशाना बनाना हतोत्साहित करने वाला है.
यह भी पढ़ें :
** MP में सबसे ज्यादा छिंदवाड़ा तो सीधी में सबसे कम वोटिंग, CG की बस्तर सीट में इतने % हुआ मतदान