End of Maoism-Naxalism: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को लगातार मिल रही बड़ी सफलता से पूरे देश में आशा जगी है कि देश से नक्सलवाद के सफाए का दिन नजदीक है. यह उम्मीद बुधवार को सुरक्षाबलों के हाथों मार गिराए गए डेढ़ करोड़ के इनामी नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत 27 नक्सलियों की मौत से और बढ़ गई है.
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सुरक्षाबलों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ के घने जंगलों में 27 नक्सलियों को ढेर कर दिया
गौरतलब है बुधवार 21 मई को नक्सलवाद पर बड़ी चोट करते हुए सुरक्षाबलों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ के घने जंगलों में 27 नक्सलियों को ढेर कर दिया. DRG जवानों और नक्सलियों के बीच चले मुठभेड़ में डेढ़ करोड़ रुपए के इनामी नक्सली बसवराजू समेत 26 नक्सिलयों को ढेर कर दिया गया. जारी सर्च ऑपरेशन भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं.
'आज तक के इतिहास में कभी भी महासचिव स्तर का नक्सली एनकाउंटर में नहीं मारा गया'
नारायणपुर में सुरक्षाबलों को मिले बड़ी सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व डीजीपी ने कहा कि, नारायणपुर ऑपरेशन को इतिहास का सर्वाधिक सफल ऑपरेशन मानना चाहिए. नारायणपुर ऑपरेशन को मील का पत्थर बताते हुए उन्होने कहा कि आज तक के इतिहास में कभी भी महासचिव स्तर का नक्सली एनकाउंटर में नहीं मारा गया है.
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30 से 50 पर्सनल बॉडीगार्ड की सुरक्षा में रहता था नारायणपुर एनकाउंटर में मारा गया वसवराजू
बकौल पूर्व डीजीपी, नक्सलियों का इतना बड़ा शीर्ष नेता बड़े सुरक्षा घेरे में रहता था. वो कम से कम 30 से 50 पर्सनल बॉडीगार्ड की सुरक्षा में रहता था, जो कि बड़े ट्रेंड कमांडो रहते हैं. उन सब का सामना करके जिस तरह से सफलता मिली है, मैं समझता हूं कि भारत के इतिहास में नक्सलवाद के खिलाफ, यह सबसे सफल ऑपरेशन था.
पूर्व डीजीपी ने इनामी वसवराजू को न्यूट्रालाइज्ड करने वाले सुरक्षाबलों की तैयारी की तारीफ की
पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी ने सुरक्षाबलों की तैयारी की तारीफ करते हुए कहा कि डेढ़ करोड़ इनामी वसवराजू को न्यूट्रालाइज्ड करने के लिए जिन्होंने भी प्लानिंग की और इसे अंजाम तक पहुंचाया, जिन जवानों ने दुर्गम इलाके में जाकर इस ऑपरेशन को किया, उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है.
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साल 2014 में केंद्र में मोदी की सरकार आई तो एक नीति बनी की नक्सलवाद को खत्म करना है
उसके बाद ऑपरेशन चालू हुआ और तरह-तरह की प्लानिंग हुई। 2017-18 में भी बहुत सफलता मिली. सड़कें बनी और विकास कार्य हुए। जैसे-जैसे सड़कें बनी, माओवादी इलाकों में हम घुसते रहे. अब डीआरजी एक बहुत प्रोफेशनल फोर्स बन चुकी है और उसने एक बड़ा ऑपरेशन करके दिखाया है.
साल 2015 में गठित DRG टीम CRPF और कोबरा के साथ मिलकर ऑपरेशन के लिए ट्रेंड हुई
साल 2015 में तत्कालीन सीएम डॉ रमन सिंह ने डीआरजी टीम को बनाया. डीआरजी के जवानों को रिक्रूट करते हुए भारत की प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट में स्पेशल ट्रेनिंग दिलाई गई, जिसमें उन्हें जंगल वार की ट्रेनिंग मिली. साल 2016 के आखिर तक छत्तीसगढ़ की खुद की फोर्स इतनी ट्रेंड थी कि सीआरपीएफ और कोबरा के साथ मिलकर ऑपरेशन कर सके.
सुरक्षाबलों ऐसे चले तो डेडलाइन मार्च 2026 से पहले देश में समाप्त हो जाएगा नक्सलवाद
उल्लेखनीय है केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश से नक्सलवाद के सफाए की डेडलाइन मार्च 2026 रखी है, लेकिन जिस तेजी से नक्सलियों को सफाया हो रहा है और जिस तरह की सफलता मिली है, अगर इसी तरह से आगे भी सुरक्षाबलों चलेंगे तो तय समय से पहले ही देश में नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा.
'नक्सली बैकफुट पर हैं, अपनी ताकत को दोबारा जोड़ने के लिए शांति वार्ता के प्रस्ताव ला रहे हैं
एंटी नक्सल मुहिम को लगातार मिल रही सफलता और नेस्तनाबूद हो रहे बड़े-बड़े नक्सलियों को देखते हुए नक्सलियों की तरफ से भी शांति वार्ता की अपील की गई है. इस पूर्व डीजीपी का कहना है कि नक्सली बैकफुट पर हैं, इसलिए शांति वार्ता के प्रस्ताव ला रहे हैं. शांति वार्ता की अपील कर नक्सली ताकत को दोबारा जोड़ने के लिए है.
छत्तीसगढ़ में कमर टूटने से बैकफुट पर हैं सीमावर्ती क्षेत्र तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के नक्सली
माना जा रहा है छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की कमर टूटने से सीमावर्ती क्षेत्र तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के नक्सली बैकफुट पर है. तेलंगाना जब आंध्र प्रदेश का हिस्सा था, तब सालों तक चले ऑपरेशन के बाद वहां नक्सलवाद लगभग खत्म हो गया. तब जंगल का फायदा लेकर नक्सली छत्तीसगढ़ आ गए, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में भी उनके दिन आखिरी चल रहे हैं.
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