CG Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सीमा से लगे अबूझमाड़ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने सबसे बड़े नक्सल विरोधी ऑपरेशन को अंजाम दिया है. जाबांज जवानों ने 36 नक्सली ढेर कर दिए. जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के जवानों के इस अभियान को इस साल का सबसे सफल एंटी नक्सल ऑपरेशन माना जा रहा है. ऐसे में यह जानना बेहद दिलचस्प है कि नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले इस इलाके में जवानों ने कैसे नक्सलियों की एक पूरी कंपनी का सफाया कर दिया?
अबूझमाड़ में हुए इस बड़े ऑपरेशन की जमीन काफी पहले से तैयार की जा रही थी. इस महीने की शुरुआत में ही राज्य के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय संभालने वाले विजय शर्मा ने संकेत दिया था कि उनकी सरकार नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में बड़ा कदम उठाने वाली है. उन्होंने NDTV के साथ खास बातचीत में कहा था कि नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने के लिए सरकार हर मोर्चे पर तैयार है. देश की एकता-अंखडता को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कहे अनुसार उनकी सरकार निर्धारित समय में लक्ष्य पूरा कर लेगी. उन्होंने कहा कि बस्तर में खोले जा रहे कैंप बहुत जल्दी रिजॉट में तब्दिल हो जाएंगे. वहीं 15 अक्टूबर के आसपास नई सरेंडर नीति की घोषणा होगी.
बता दें कि सरकार ने साल 2026 कर छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के सफाए के लिए नई रणनीति बनाई है. इसमें जहां एक ओर ऑपरेशन किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति पर भी बल दिया जा रहा है. इसके तहत CRPF की और 4 बटालियन को बस्तर में तैनात किया जा रहा है. लगभग 4 हजार जवान बस्तर के अलग-अलग जिलों में नक्सल मोर्चे पर तैनात होंगे. इनमें झारखंड से 3 और बिहार से 1 बटालियन को भेजा जा रहा है.सरकार का दावा है कि नक्सलियों के साथ अब यह निर्णायक लड़ाई है. लिहाजा नक्सलियों से लड़ने के लिए फोर्स को और मजबूत किया जा रहा है.
बड़ी साजिश का भंडाफोड़
बस्तर के इलाके में एक के बाद एक हो रहे ऑपरेशन इस बात की ओर संकेत देते हैं कि यहां जवानों के हौसले बढ़े हुए हैं. सुरक्षा बलों ने गुरुवार को भी सुकमा जिले में मुठभेड़ के बाद एक नक्सली शिविर का भंडाफोड़ किया और भारी मात्रा में विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद की. मुठभेड़ बोटेलंका, एरनपल्ली और चिंतावागु नदी के पास के गांवों के जंगलों में हुई, जहां नक्सलियों ने एक ट्रांजिट कैंप बनाया हुआ था. सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी को भांपते हुए नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद वर्दीधारी जवानों ने जवाबी कार्रवाई की. काफी देर तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, जिसके बाद नक्सली अपना सामान छोड़कर भाग गए.
फिर हुआ एक पूरी कंपनी का सफाया
शुक्रवार दोपहर को अबूझमाड़ का जंगल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. माओवादियों के खिलाफ सबसे बड़े अभियानों में से एक में, सुरक्षा कर्मियों ने 36 नक्सलियों को मार गिराया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नारायणपुर-दंतेवाड़ा अंतर-जिला सीमा पर अभुजमाड़ में थुलथुली और नेंदुर गांवों के बीच जंगल में दोपहर करीब 1 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जब सुरक्षा कर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी. उन्होंने बताया कि अभियान में राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के जवान शामिल थे.
हथियारों का जखीरा बरामद
पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल और एक एसएलआर (सेल्फ-लोडिंग राइफल) समेत हथियारों का जखीरा भी बरामद किया गया है. पुलिस ने बताया कि ताजा मुठभेड़ के बाद इस साल अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 185 नक्सलियों को मार गिराया है. 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में बड़े कैडर समेत 29 नक्सली मारे गए थे.
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