छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया 14 दिन तक न्यायिक निर्माण पर जेल भेज दी गई हैं. एक अन्य रिटायर्ड आईएएस और शराब घोटाला मामले में आरोपी निरंजन दास को 22 दिसंबर तक केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ED की रिमांड दी गई है. घोटाला मामले में पहले से गिरफ्तार निरंजन दास को प्रोडक्शन रिमांड पर ED ने आज कोर्ट में पेश किया था.
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में 16 दिसंबर को पूछताछ के बाद सौम्या चौरसिया को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. 2 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद आज फिर से सौम्या चौरसिया को कोर्ट में पेश किया गया. विशेष न्यायालय ने सौम्या चौरसिया को 2 जनवरी तक न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया.
सौम्या से पूछताछ के बाद निरंजन दास से भी पूछताछ
17 से 19 दिसंबर तक सौम्या चौरसिया से हुई पूछताछ के आधार पर मिले इनपुट के बाद ED ने घोटाला मामले में पहले से गिरफ्तार तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को प्रोडक्शन रिमांड पर लिया और कोर्ट में पेश किया. ED की मांग पर कोर्ट ने पूछताछ के लिए निरंजन दास को 3 दिन की रिमांड दी.
आबकारी घोटाले के लिए ही मिला था सबसे बड़ा पद
ED की ओर से अधिवक्ता सौरव पांडे ने बताया कि सौम्या चौरसिया से पूछताछ के बाद मिले इनपुट के बाद निरंजन दास से पूछताछ जरूरी हो गई थी. निरंजन दास को लेकर इनपुट मिला था कि उन्हें आबकारी घोटाले को सपोर्ट करने के लिए ही विभाग का सर्वोच्च पद दिया गया था. इनपुट मिले थे कि इससे के पहले के अधिकारी ने शराब नीति को लेकर किए गए बदलाव के निर्देश पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था.
इसके बाद उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही निरंजन दास को उसे पद पर बैठा दिया गया. निरंजन दास ने बिना विरोध के शराब घोटाले के सिंडिकेट को मदद की.
3200 करोड़ घोटाले का दावा
बता दें कि छत्तीसगढ़ में साल 2019 से 2022 के बीच में करीब 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले होने का दावा केंद्रीय जांच एजेंसी और राज्य की जांच एजेंसी ने किया है. इस घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल समेत शराब से जुड़े कुछ कारोबारी और व्यवसायी पहले से जेल में बंद हैं.

ईडी का रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारी के यहां छापा
ED ने एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को देशभर में छापामारी शुरू की. रायपुर में भी रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारी के यहां जांच की गई. ईडी की यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा उन आरोपों की जांच के बाद की गई है कि निवेशकों को एक रियल एस्टेट निवेश फंड के माध्यम से धोखा दिया गया था, जिसमें कथित तौर पर धन और बैंक ऋणों को विदेशी संस्थाओं में स्थानांतरित कर दिया गया था. ईडी ने 2,434 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में देशभर में 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इनमें रायपुर, नासिक, बेंगलुरु के 10 ठिकानों में भी जांच की गई है.
यह जांच उद्योगपति आनंद जयकुमार जैन, जय कॉर्प लिमिटेड के निदेशक, उनकी कंपनी, सहयोगी कंपनियों और एक व्यापारिक साझेदार को लक्षित करती है.