Road Accidents in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ गाड़ियों की रफ्तार के साथ-साथ सड़क हादसों का भी ग्राफ बढ़ा है. बीते 24 घंटे में जो बड़ी घटनाएं सामने आईं उसमें कोरबा में हुए एक्सीडेंट में दो युवतियों की मौत हो गई. वहीं राजधानी रायपुर में हिट एंड रन का मामला सामने आया. जहां तेज रफ्तार कार ने एक ई-रिक्शा को टक्कर मार दी, जिसके बाद ई-रिक्शा एक पैदल चल रही महिला के ऊपर पलट गया. इस हादसे में महिला ने दम तोड़ दिया. आज हम आपको यह बताएंगे कि कैसे छत्तीसगढ़ में दुर्घटनाओं का ग्राफ साल दर साल बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही उन मुद्दों को बताएंगे कि आखिर हादसे क्यों बढ़ रहे हैं?
108 ब्लैक स्पॉट्स में होते हैं सबसे ज्यादा हादसे
हर दिन छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना में 19 जानें जा रही हैं. छत्तीसगढ़ में 108 ब्लैक स्पॉट्स हैं, जहाँ ज़्यादा हादसे होते हैं. TRIP की रिपोर्ट में सड़क हादसे से होने वाली मौतों के मामले में तमिलनाडु और तेलंगाना के बाद छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर है. रिपोर्ट में बताया गया है कि तमिलनाडु में एक लाख लोगों पर 21.9 लोग की सड़क दुर्घटना में मौत हो रही, तेलंगाना में 19.2 लोग और छत्तीसगढ़ में 17.6 लोग मौत का शिकार हो रहे हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े?
छत्तीसगढ़ में सड़क हादसों के साल दर साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2020 में 11656 हादसे हुए इसमें 4606 मौतें हुईं वहीं 10505 घायल हुए. 2021 में 12375 हादसे में 5375 मौत हुईं और 10683 घायल हुए. 2022 में 7997 हादसों के दौरान 3467 मौतें हुई थीं जबकि 7251 घायल हुए थे. 2023 में 13468 हादसे हुए, 6166 मौतें हुईं, 11723 घायल हुए. पिछले साल 2024 में 14853 हादसों में 6752 लोगों की जान गईं जबकि 12573 घायल हो गए.
2024 छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों में मौत
प्रदेश के बड़े शहरों में होने वाले हादसों को देखें तो राजधानी रायपुर में 595 मौतें हुईं वहीं 2069 हादसे देखने को मिले, यहां 17 प्रतिशत बढ़त देखने को मिली. कोरबा में 838 हादसों में 380 लोगों की मौत हुई, यहां 11 प्रतिशत हादसे बढ़ें. रायगढ़ में 691 हादसे 379 मौत हुईं, यहां 18 प्रतिशत हादसे बढ़ें, बिलासपुर में 1390 हादसे हुए 359 मौत हुईं, सरगुजा में 614 हादसे हुए 352 लोगों की मौत हुई यहां 19 प्रतिशत हादसे बढ़ें, दुर्ग में 1229 हादसे हुए जिसमें 344 मौत हुईं.
सड़क हादसे के कारण क्या हैं?
सड़क हादसों के कई कारण देखने को मिलते हैं, जैसे ज़्यादा रफ़्तार से गाड़ी चलाना, लापरवाही, नियमों का उल्लंघन, संकेतों को न समझ पाना, थकान, शराब पीना. लीड एजेंसी रोड सेफ्टी के चेयरमैन संजय शर्मा ने NDTV को बताया कि छत्तीसगढ़ में 7 लाख गाड़िया बढ़ी हैं, लोगो में धैर्य कम हुआ है और हड़बड़ी ही सबसे बड़ी गड़बड़ी है. क्योंकि हड़बड़ी में गाड़ी चलाने से हादसे बढ़ते हैं. इसके अलावा लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाना और लोक परिवहन के साधन कम होना व प्राइवेट वाहन का बढ़ना इन बढ़ते हादसों कह प्रमुख वजहे हैं.
कैसे रुकेंगे हादसे?
एक्सपर्ट्स ने बताया कि ट्रैफिक कामिंग पर पर्याप्त काम करने की जरुरत है, रोड के जंक्शन में गति कम करने के उपाय करने होंगे. अब आवश्यक है कि लोगों के व्यवहार में परिवर्तन का प्रयास किया जाए. हेलमेट और सीट-बेल्ट के प्रयोग को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है, क्योंकि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं इन्हीं कारणों की वजह से होती हैं. लोगों को शराब पीकर गाड़ी न चलाने के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए.
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