Bilaspur Central Jail: बिलासपुर केंद्रीय जेल (Central Jail) एक बार फिर सुर्खियों में है, यहां कैदियों से जबरन वसूली और नशे के सामान की सप्लाई के गंभीर आरोप लगे हैं. परिजनों ने इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (High Court) में शिकायत दर्ज करवाई है. आरोप है कि जेलर (Jailor), प्रहरी (Jail Guard) और एक कैदी (Prisoner) ने जेल के अंदर अपना दबदबा बना रखा है और पैसे की उगाही जोरों से चल रही है. ऐसे भ्रष्टाचार (Corruption) के कारण न केवल कैदियों के अधिकारों का उल्लंघन होता है, बल्कि उनके परिवार भी आर्थिक शोषण का शिकार होते हैं. कई बार परिवार के सदस्य मजबूरी में पैसा देने को तैयार हो जाते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो उनके परिजनों के साथ जेल में बुरा बर्ताव किया जाएगा.
बिलासपुर में जेल का क्या है मामला?
बिलासपुर केंद्रीय जेल में भी कुछ इसी तरह के हालात हैं. जेल में बंद एक कैदी पर आरोप है कि वह जेल के अन्य कैदियों से बैरक में जगह देने और मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के नाम पर भारी रकम वसूल रहा है. कैदी के परिजनों का आरोप है कि रकम न देने वाले कैदियों को मारपीट की धमकी दी जाती है और उन्हें प्रताड़ित किया जाता है.
ये रही रेट लिस्ट
आरोप ये भी हैं कि जेल में बीडी 200 रुपए कट्टा, तम्बाखू का पैकेट 100 रुपए, गांजा 500 रुपए और नाईट्रा गोली 100 रुपए नग की दर से आसानी से उपलब्ध करायी जाती है. बाहर के एक व्यक्त के अकाउंट एवं मोबाईल में अभी तक लगभग 4 से 5 लाख रुपए डालवाए चुके हैं. अधीक्षक से शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होती. जेल के अंदर मोबाईल भी खूब चलता है. रसूखदार कैदी एवं बंदियों से अच्छा खाना, रोटी, सब्जी, चाय दिलाने के संबंध में हर महीने 3500 रुपए लिए जाते हैं. वहीं सप्लायर के द्वारा जेल में घटिया स्तर का चावल, दाल सप्लाई किया जाता है. सप्लायर हर महीने अधीक्षक और डीजी जेल को मोटी रकम तथा उनके जरूरी सामान का आपूर्ति करता है.
इस तरह से शिकायतकर्ताओं ने लिखित शिकायत में कहा कि जेल में नशे के सामान की सप्लाई नियमित हो रही है. जेल के भीतर कैदी नशा करते हैं और यह सामान उन तक पहुंचाने के लिए मोटी रकम वसूली जाती है.
जेल प्रबंधन का इन आरोपों पर क्या कहना है?
केंद्रीय जेल में नशे के सप्लाई के मामले में जवाब देते हुए जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने कहा कि जेल में नशे की सामग्री पहुंचने वालों पर कार्रवाई की जाती है. प्रहरियों और अधिकारियों पर नजर रखने सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं. जो भी आरोप लगाए गए हैं वो सही नहीं हैं.
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