
रिश्वत देकर निजी मेडिकल कॉलेज की मान्यता से जुड़े क्रिमिनल सिंडिकेट में रावतपुरा सरकार और रावतपुरा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की भूमिका संबंधी सीबीआई की FIR में खुलासे के बाद छ्त्तीसगढ़ के अधिकारी और नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है. HOD बिल्डिंग से लेकर महानदी भवन के गलियारे में चर्चा है कि बाबा की भक्ति में कई रसूखदार अधिकारी और नेताओं ने अवैध कमाई कर निवेश किया है. ऐसे में कथित निवेशकों में चिंता है कि अगर बाबा पर सीबीआई शिकंजा कसती है और बाबा के कारोबार में निवेशक ट्रेल की जांच आगे बढ़ाती है, तो उनकी काली कमाई का राज खुल जाएगा, जिससे वे सलाखों के पीछे जा सकते है.
सीबीआई की FIR में रेरा चेयरमैन संजय शुक्ला आरोपी
दरअसल, सीबीआई की FIR में रावतपुरा सरकार समेत 35 लोगों के नाम हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड IFS रेरा चेयरमैन संजय शुक्ला भी आरोपी है. संजय शुक्ला रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में ट्रस्टी हैं. लिहाजा ऐसी चर्चा है कि संजय शुक्ला समेत दर्जनों ऐसे अधिकारी हैं, जो बाबा के कारोबार में सहभागी है. अगर ईमानदारी से जांच हुई, तो कई अधिकारियों की भ्रष्टाचार से की गई कमाई उजागर हो सकती है.
कोल माइन क्षेत्र के कद्दावर मंत्री की भी बाबा से जुगलबंदी की है चर्चा
बाबा के कारोबार के छत्तीसगढ में स्थापित करने में कोयला खनन क्षेत्र से आने वाले कद्दावर मंत्री की भी बड़ी भूमिका बताई जा रही है. ये मंत्री राज्य बनने के बाद से ही बाबा के भक्त हैं. चर्चा ये भी है चुनाव में बाबा से जुड़े लोगों ने कथित मंत्री की खूब आर्थिक मदद भी की थी. सरकार बीजेपी की हो या कांग्रेस की बाबा का डंका बजता रहा. ऐसे में ये भी चर्चा है कि रायपुर कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री जो पिछला चुनाव हार चुके है, जब वे मंत्री थे उसी समय बाबा ने छत्तीसगढ़ में पैर जमाए थे बीजेपी की सरकार में धंधा जमकर फलफूला.
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भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस साबित करने सरकार पर दबाव!
राज्य में बीजेपी मुख्यमंत्री विष्णु के सुशासन के टैग के साथ आगे बढ़ रही है. ऐसे में सरकार से जुड़े लोग दम्भ भरते है कि विष्णु के सुशासन में कोई बच नहीं सकता है. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल कह चुके है आरोपी कितनाभी रसूखदार हो कार्रवाई होगी. ऐसे में सरकार पर अपनी छवि को मजबूत करने कार्रवाई करने का दबाव है.
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