
660 Soak Pits built in three hours : कोरिया जिले में जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे "मोर गांव-मोर पानी" और "आवा पानी झोंकी" अभियान के अंतर्गत 29 मई को जिले में एक ऐतिहासिक कार्य संपन्न हुआ. सुबह 9 से 12 बजे के बीच जिले भर में कुल 660 सोख्ता गड्ढों का निर्माण जन सहयोग से किया गया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. यह अभियान कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के नेतृत्व में संचालित हुआ और इसे "गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" में भी शामिल किया गया.

सभी नगरीय निकायों ने भी चार-चार सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया
कलेक्टर त्रिपाठी ने बताया कि यह कार्य पूरी तरह जनभागीदारी से संपन्न हुआ और नगरीय क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया. सभी नगरीय निकायों ने भी चार-चार सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया. अभियान के दौरान गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम मौके पर मौजूद रही और उन्होंने पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण कर प्रमाण पत्र प्रदान किया.
जल संग्रहण क्षमता विकसित की गई

जिला पंचायत सीईओ आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनमानस में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना था. उन्होंने बताया कि जिले की 120 ग्राम पंचायतें, बैकुंठपुर की 42 पंचायतें, सोनहत की तीन नगरीय निकायों सहित कुल 165 पंचायतों ने भाग लिया. शुरू में 500 गड्ढों का लक्ष्य था, लेकिन उसे पार करते हुए 660 सोख्ता गड्ढे बनाए गए. इस कार्य से जिले में लगभग 60 तालाबों के बराबर जल संग्रहण क्षमता विकसित की गई है.
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की छत्तीसगढ़ स्टेट हेड सोनल राजेश शर्मा ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में भू-जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण एक असाधारण उपलब्धि है और इसे रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.
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