Dantewada News: पखांजूर में भाजपा नेता असीम राय हत्याकांड का कनेक्शन दंतेवाड़ा से निकलकर सामने आया है, जहां कांकेर पुलिस ने सोनू साहू नाम के एक आरोपी को दंतेवाड़ा पहुंचकर घेराबंदी कर हथियार सहित गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी के पास से पुलिस ने 2 पिस्टल, 30 राउंड और 2 मैगजीन जब्त की हैं. आरोपी सोनू साहू पर पुलिस ने मुख्य शूटर विकास तालुकदार के साथ मिलकर हथियार बेचने में शामिल होने का आरोप लगाया है.
दरअसल यह पूरा खेल कुर्सी का है. असीम राय पखांजूर नगर पंचायत अध्यक्ष बाप्पा गांगुली के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे थे, जिसके बाद साजिश रचकर उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस ने खुलासा करते हुए जानकारी दी थी कि नगर पंचायत अध्यक्ष बाप्पा गांगुली, विकास पाल और जितेंद बैरागी की असीम राय से व्यक्तिगत दुश्मनी थी. बप्पा गांगुली का अध्यक्ष पद जा सकता था, विकास पाल का अवैध लॉज टूट सकता था और जितेंद्र बैरागी की व्यक्तिगत दुश्मनी थी. तीनों ने मिलकर असीम राय को मौत के घाट उतारने का प्लान किया.
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बप्पा गांगुली और विकास पाल ने ली पैसों की जिम्मेदारी
पुलिस ने बताया कि इसमें बप्पा गांगुली और विकास पाल ने पैसों और प्लानिंग की जिम्मेदारी ली और जितेंद्र बैरागी को रेकी का काम दिया. जितेंद्र बैरागी ने अपने साथी तपन मंडल और सुमित मांझी के साथ मिलकर रेकी की और शार्प शूटर के लिए सुजीत और रिपन से संपर्क किया. दोनों ने इस काम के लिए सहमति दी और अपने साथी जयंत नीलरतन और विकास तालुकदार को काम सौंपा.
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1 लाख रुपए का खरीदा कट्टा
बप्पा गांगुली और विकास पाल ने सोमेन मंडल के माध्यम से करीब 7 लाख रुपए नीलरतन को भेजे जिसमें से करीब 1 लाख रुपए का कट्टा खरीदा गया और बाकी रकम आरोपियों में बंट गई. इसके बाद विकास तालुकदार ने अपने साथी गोपी दास के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया. गोपी दास बाइक चला रहा था और विकास तालुकदार ने पीछे बैठकर 7.65 एमएम पिस्टल से असीम राय को गोली मार दी.