
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है.इस फैसले के साथ यह सुनिश्चित हो गया है कि चैतन्य बघेल को इस वर्ष दीवाली के अवसर पर जेल में रहना होगा,क्योंकि राहत के अब तक कोई संकेत नहीं मिले हैं.
जांच एजेंसियों के अनुसार यह मामला छत्तीसगढ़ में 2019-2022 के बीच चले कथित शराब घोटाले (excise scam) व उससे जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग आरोपों का है, जिसमें लगभग ₹2,161 करोड़ तक का वित्तीय लेन-देन होने का दावा किया गया है.
जांच में पता चला है कि एक प्रकार से एक "सिंडिकेट" तैयार किया गया था, जिसमें प्रदेश के एक्साइज विभाग,देशी शराब ठेकों व अन्य व्यापारिक साझेदारों के बीच मिलीभगत से सरकारी खजानी को क्षति पहुंचाई गई.
अदालत की क्या दलील रही
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जमानत की याचिका स्वीकार करने के लिए ऐसे तथ्य मौजूद नहीं हैं जो यह संकेत दें कि अभियुक्त द्वारा जांच में सहयोग न किया जा रहा हो या सबूत नष्ट होने का भय हो. इसलिए अभियुक्त की अग्रिम जमानत देने योग्य नहीं माना गया.
चैतन्य बघेल को पहले Enforcement Directorate (ED) द्वारा 18 जुलाई 2025 को हिरासत में लिया गया था. बाद में इनके विरुद्ध विस्तृत चार्जशीट दाखिल हुई,इसके बाद,हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद, Economic Offences Wing/एसीबी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
ED का दावा है कि चैतन्य बघेल ने उक्त शराब घोटाले के तहत लगभग ₹1,000 करोड़ राशि की “प्रॉपर्टी” व निवेश के रूप में व्यवस्था की,उनसे जुड़े अन्य नामों में पूर्व आईएएस अधिकारी व अन्य एक्साइज विभाग के अधिकारी हैं, जिन्हें फ्रंट व्यक्ति बताया गया है.
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