CG News in hindi: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने सारंगढ़ उपजेल में कैदी से दुर्व्यवहार और अवैध गतिविधियों के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश सरकार और जेल विभाग से कार्रवाई की प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के लिए स्वीकार किया है. मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने जेल कर्मियों पर हुई विभागीय जांच और कार्रवाई पर संतोषजनक जानकारी न मिलने पर नाराजगी जताई. सरकार की ओर से पेश उपमहाधिवक्ता ने बताया कि मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है.
अवैध गतिविधियों और यातना से जुड़ा मामला
यह मामला तब सामने आया जब सारंगढ़ उपजेल में कैदी से टॉर्चर और वसूली की घटनाओं की शिकायतें सामने आईं. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन की अनियमितताओं के कारण बंदियों के साथ दुर्व्यवहार आम हो गया है. पिछले सुनवाई में अदालत ने राहत देते हुए जांच अधिकारी को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ताओं और उनके परिजनों के बयान बिलासपुर में लिए जाएं, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो.
हाई कोर्ट का रुख और अगला कदम
हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आरोपी जेलकर्मियों के खिलाफ जांच में तेजी लाई जाए और कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की जाए. अदालत ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जेलों में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2025 को होगी.
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सुधार की जरूरत पर जोर
इस घटना ने जेलों में सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता की मांग को एक बार फिर से प्रासंगिक बना दिया है. अदालत के हस्तक्षेप से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है.
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