Bilaspur News: छत्तीसगढ़ राज्य में वार्ड परिसीमन को लेकर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) के जस्टिस पीपी साहू की एकल पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है. अब निकाय चुनाव से पहले वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं रही. दरअसल, इन याचिकाओं में राजधानी रायपुर सहित कई निकायों में वार्ड परिसीमन को चुनौती दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने अब इन याचिकाओं को निरस्त कर दिया है.
बता दें कि परिसीमन के खिलाफ करीब 50 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई थी. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया पर अब कोई कानूनी रोक नहीं है. इसके खिलाफ याचिकाओं में 2011 की जनगणना को आधार बनाने समेत कई अन्य बिंदुओं पर सवाल उठाए गए थे.
इन याचिकाओं के खारिज होने से अब प्रशासन को निकाय चुनावों की तैयारियों को तेजी से आगे बढ़ाने का मौका मिल गया है, क्योंकि परिसीमन से जुड़े सभी विवादों का निपटारा हो चुका है, जिससे अब परिसीमन प्रक्रिया को लेकर कानूनी रुकावट नहीं होगी और निकाय चुनाव की तैयारी सुचारू रूप से आगे बढ़ सकेगी.
याचिका में क्या था?
मुख्यतः ये याचिकाएं स्थानीय निकाय चुनावों से पहले दाखिल की गईं, जब परिसीमन प्रक्रिया के आधार या इसके परिणामों पर आपत्ति जताई गई. साल 2019 जब राज्य सरकार ने कई निकायों में वार्डों का परिसीमन किया था, उस समय भी कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं. मुख्य आपत्ति यह थी कि परिसीमन राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है. इसके बाद 2023-24 निकाय चुनावों से पहले, 50 से अधिक याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गईं थी. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि नई जनसंख्या के आंकड़े को ध्यान में नहीं रखा गया है. इन सभी याचिकाओं को हाईकोर्ट ने 2024 में खारिज कर दिया है.
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