
Bijapur Assembly Seat: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बस्तर की 12 में से 4 सीटें ही कांग्रेस की झोली में गईं हैं . इनमें से एक है बीजापुर विधानसभा सीट. यहां से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मंडावी दोबारा विधायक बने हैं. इन्होंने पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा को शिकस्त दी है. हालांकि साल 2018 के चुनाव परिणाम के मुकाबले इस बार वोटों का अंतर बेहद कम है.
ग्रामीण इलाकों में बढ़ाई मजबूती
साल 2018 को पहली बार विधायक बनने के बाद विक्रम ने ग्रामीण इलाकों में अपनी मजबूती बनाई. यहां अक्सर दौरे करना. आम जनता के बीच जाना, उनकी समस्याओं को सुनना और बाकायदा उसका निराकरण भी कर लोगों का दिल जीतने लगे. इसका फायदा इस बार इन्हें चुनाव मिला और पूर्व मंत्री को हरा दिया.
यहां कमजोर हुई बीजेपी
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के बीजापुर में न रहने को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बनाया।. उन्हें पलायनवादी नेता बताया. ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों के भय के कारण भाजपा के कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाए थे. नक्सलियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में हत्याएं की थीं. इसका फायदा भी कांग्रेस को मिला. दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में भी पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और विधायक विक्रम मंडावी आमने-सामने थे.
आरोपों, बागियों के बीच भी जीता चुनाव
चुनाव के पहले विक्रम मंडावी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं. कांग्रेस पार्टी के ही युवा आयोग सदस्य अजय सिंह ने भी उनपर खुलकर आरोप लगाए थे. इसके बाद उन्हें कांग्रेस से ही निष्कासित कर जिला बदर कर दिया गया था. पूर्व मंत्री महेश गागड़ा भी आरोप लगाकर जांच की मांग करते आ रहे हैं. तमाम आरोपों से घिरने के बाद भी बीजापुर की जनता ने विक्रम को ही चुना. इस बार दोनों क बीच जीत का अंतर महज करीब 2700 वोट ही था. जबकि पिछले चुनाव वोटों का अंतर 25000 के पार था.