
Steel Unit Entrepreneurs: सीएम विष्णु देव साय ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में स्टील उत्पादन यूनिट स्थापित करने के लिए उद्यपतियों को आमंत्रण किया. राजधानी में आयोजित ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट को संबोधित करते हुए सीएम ने छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योग की संभावनाओं और विकसित इन्फ्रास्ट्रक्चर की सूचना देते हुए उद्यमियों को आगे आने को कहा.
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साल 2030 तक 300 मिलियन टन तक स्टील उत्पादन बढ़ाने का है लक्ष्य
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्टील हब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. उनके नेतृत्व में देश में स्टील उत्पादन 100 मिलियन टन से बढ़कर 200 मिलियन टन हो गया है, और वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 300 मिलियन टन तक पहुंचाने का लक्ष्य है.
खनिज संसाधनों से समृद्ध, औद्योगिक संभावनाओं से परिपूर्ण है छत्तीसगढ़
सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने भरपूर खनिज संसाधनों के कारण समृद्ध है. इनके उचित दोहन से यहां औद्योगिक संभावनाओं में अत्यधिक विस्तार संभव है. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है.
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छत्तीसगढ़ ‘अंजोर विज़न' 2047 दस्तावेज़ में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रमुखता
मुख्यमंत्री ने उपस्थित उद्यमियों को बताया कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की परिकल्पना पर आधारित अंजोर विजन डाक्यूमेंट तैयार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस विज़न दस्तावेज़ में सर्वाधिक फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर विशेष रूप से कोर इंडस्ट्री स्टील एवं पावर को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है.
लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी अधोसंरचना सहित सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं
सीएम ने बताया कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर समेत सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राज्य में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त किया गया है. तेज़ी से रेल नेटवर्क और उससे संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे स्टील सेक्टर को बूस्ट मिलेगा.
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रायगढ़ से राजनांदगांव तक नए रेल नेटवर्क से उत्पादन लागत में भारी कमी आएगी
समिट को संबोधित करते हुए सीएम साय ने उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि रायगढ़ के खरसिया से राजनांदगांव के परमालकसा तक नया रेल नेटवर्क बनाकर कई प्रमुख औद्योगिक केंद्रों तक कच्चे माल की आपूर्ति एवं तैयार माल की ढुलाई की प्रक्रिया आसान की जाएगी, जिससे उत्पादन लागत में भारी कमी आएगी.
इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए औद्योगिक नीति में किए गए 350 से अधिक सुधार
मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रिया को लागू किया गया है. इसके साथ ही 350 से अधिक नीतिगत सुधार किए गए हैं, जिनका सीधा लाभ स्टील सेक्टर में किए गए निवेशकों को मिलेगा. सीएम ने ग्रीन स्टील उत्पादन के लिए हाइड्रोजन जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर खुशी जताई.
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राज्य में औद्योगिक कॉरिडोर और नए औद्योगिक पार्क भी स्थापित किए जा रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण पर तीव्र गति से कार्य हो रहा है और नए औद्योगिक पार्क भी स्थापित किए जा रहे हैं. निजी क्षेत्र को औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया है. उन्होंने समिट में उपस्थित उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में निवेश करने और यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया.
प्रशिक्षित जनशक्ति और लॉजिस्टिक नीति का लाभ उठा सकता हैं स्टील उद्यमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के सभी विकासखंडों में स्किल इंडिया के सेंटर प्रारंभ कर दिए गए हैं, जिससे उद्योगों को प्रशिक्षित जनशक्ति की कोई कमी नहीं होगी. साथ ही, उन्होंने बताया कि निवेशकों को नई लॉजिस्टिक नीति का भी लाभ मिलेगा. इस नीति के अंतर्गत ड्राय पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो आदि की स्थापना पर भी अनुदान प्रदान किया जाएगा.
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ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में शामिल हुए 250 से अधिक औद्योगिक संस्थान
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में पूर्वी भारत के पांच राज्यों – पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के 250 से अधिक स्टील और पावर सेक्टर से जुड़े औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. उन्होंने छत्तीसगढ़ में उद्योगों की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया.