छत्तीसगढ़ कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में अपनी सरकार के कामकाज पर बेबाकी से बात की. उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या पर हमने चौतरफा वार किया है. अब हालात ये हैं कि हम नक्सलियों को उनकी मांद में घेरकर मार रहे हैं, जबकि पहले वे हमारे कैम्पों और थानों पर हमला करते थे. मुख्यमंत्री बघेल ने माना कि नक्सली समस्या अब भी है, लेकिन हालात बेहतर हो रहे हैं. हमने आदिवासियों को उनकी ज़मीन वापस की है.
उन्होंने कहा कि देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि 18 लाख हेक्टेयर ज़मीन गांव वालों को वापस की गई है. आज हालात ये हैं कि वनांचल में सबसे ज्यादा मिलेट्स का उत्पादन हो रहा है. महुआ, जो पिछली सरकार में 2 रुपया बिकता था, वह अब 40 रुपये में बिक रहा है. इंग्लैंड से कारोबारी आए थे, वे 116 रुपये प्रति किलो की कीमत देकर गए हैं.
शिक्षा के मसले पर मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी काम किया है. उन्होंने बताया कि यह पहली बार हुआ है कि अब छत्तीसगढ़ी भाषा में MA करने वालों को भी सरकार नौकरी दे रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने हिन्दी और अंग्रेज़ी के साथ-साथ स्थानीय भाषा में भी पढ़ाई पर ज़ोर दिया है.
दिलचस्प तथ्य है कि जगरगुंदा, जो नक्सलियों का कथित तौर पर हेडक्वार्टर कहा जाता है, में भी भूपेश सरकार ने स्कूल शुरू किया है. 13 साल बाद ऐसा हुआ है और अब इस स्कूल में 350 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. CM ने दावा किया कि उनकी सरकार ने हर ब्लॉक में कम से कम 4 से 5 स्कूल खोले हैं.