
Bear in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के मरवाही (Marwahi) में दहशत का पर्याय बन चुका भालू (Bear) आखिर कार रविवार की शाम ट्रेंकुलाइज कर लिया गया. बिलासपुर (Bilaspur) के कानन पेंडारी पंडरी जू से आई रेस्क्यू टीम (Rescue Team) ने भालू को ट्रेंकुलाइज किया. भालू के माथे और शरीर के कई जगहों पर धारदार हथियार से चोट के गहरे निशान नजर आए, जो भालू के हिंसक होने का मुख्य कारण सामने आया. पिछले तीन दिनों में इसी भालू ने मरवाही वन परिक्षेत्र के बेलझिरिया गांव में ही अलग-अलग पांच लोगों पर हमला किया था, जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गई थी. जबकि वहीं, घटनास्थल से लगे कोरिया जिले में भी एक व्यक्ति की इसी भालू के हमले से मौत हो गई थी. फिलहाल, भालू को चिकित्सकों की निगरानी में रखकर उपचार किया जाएगा.

भालू का किया गया रेस्क्यू
सात से अधिक लोगों पर कर चुका था हमला
पिछले तीन दिनों में मरवाही वन परिक्षेत्र की अलग-अलग जगह में सात लोगों पर भालू के हमले हुए. इसमें बेलझिरिया में दो इंसानों की मौत एक ही भालू के द्वारा कर दी गई थी. पहला हमला बकरी चराकर लौट रही विद्या केवट पर हुआ था. हमले के बाद विद्या केवट की मौके पर ही मौत हो गई थी. दूसरे दिन सुबह जंगली मशरूम इकट्ठा करने जा रहे तीन लोगों पर बाइक से उतरते ही जंगल के किनारे भालू ने हमला कर दिया था. हमला इतना घातक था कि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इस घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर कोंड़ा गांव में एक और व्यक्ति की भी भालू के हमले से मौत हुई. लगातार हुए भालू के हमले से पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी.
ये भी पढ़ें :- Cricket: बच्चों को क्रिकेटर बनाना चाहते हैं तो हो जाएं सावधान, यहां राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए ऐंठ लिए 70 लाख रुपये
ऐसे पकड़ा गया भालू
वन विभाग लगातार हो रहे हमलों के बाद सजग हो गई थी और रेस्क्यू टीम से संपर्क कर लिया. इसके बाद कानन पेडारी से रेस्क्यू टीम आई और हिंसक हुए भालू को ट्रेंकुलाइज गन से ट्रेंकुलाइज करने के बाद पिंजरे में डाला गया. प्राथमिक परीक्षण में भालू के माथे सहित शरीर के कई हिस्से में धारदार हथियार से चोट के गहरे निशान मिले थे, जो संभवतः कुल्हाड़ी से वार की वजह से बने हुए थे. कयास लगाया जा रहा है कि घायल होने की वजह से ही भालू लगातार हमलावर हो गया था और लगातार इंसानों पर हमला कर रहा था. फिलहाल वन विभाग की विशेष चिकित्सा दल की निगरानी में भालू का उपचार किया जाएगा और शारीरिक और मानसिक स्थिति ठीक होने के बाद ही भालू को वापस जंगल में छोड़ा जाएगा.
ये भी पढ़ें :- Maihar Accident: दोनों ड्राइवरों के खिलाफ केस दर्ज, घटना के पीछे ये वजह निकलकर आई सामने