विज्ञापन

बस्तर के इस चावल से होगा कैंसर का इलाज! रिसर्च में हुए कई खुलासे, PM के हाथों लांच कराने की तैयारी 

Chhattisgarh News: दुनिया में हर साल एक करोड़ लोगों की मौत कैंसर से होती है. अब वो वक्त दूर नहीं है जब छत्तीसगढ़ के चावल से कैंसर ठीक होगा. करोड़ों लोगों की जान बचाई जा सकेगी. 

बस्तर के इस चावल से होगा कैंसर का इलाज! रिसर्च में हुए कई खुलासे, PM के हाथों लांच कराने की तैयारी 

Sanjeevani Rice: कैंसर का नाम सुनते ही एक अजीब सा डर हर इंसान के मन में दौड़ने लगता है. जिस परिवार में किसी को कैंसर होता है उसका दर्द वो परिवार ही जानता है. ऐसे में अगर ये कहा जाए कि कैंसर ठीक हो सकता है और भी बिना ऑपरेशन और रेडिएशन दिए तो शायद पहली बार में आपको भरोसा ना हो. लेकिन ये सच होने जा रहा है. रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विवि की जेनेटिक एंड प्लांट ब्रीडिंग विभाग ने बस्तर की विलुप्त होती चावल की एक किस्म पर रिसर्च कर ये पाया है कि  इस चावल के सेवन से कैंसर की कोशिकाओं को ख़त्म किया जा सकता है इस चावल को संजीवनी नाम दिया गया है.  

संजीवनी चावल को पौधा किस्म संरक्षण एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण से पेटेंट मिल चुका है. कृषि विवि अब इस चावल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों दुनिया के सामने लांच करने की तैयारी में है .

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, छत्तीसगढ़ में 23250 धान की किस्म है. यहां की संस्कृति में धान का अपना महत्व है. तीज-त्यौहार में धान की पूजा से लेकर घर के साज-सज्जा के काम आता है. लेकिन अब बहुत जल्द ही बस्तर के सुकमा की विलुप्त हो रही धान की प्रजाति से कैंसर के मरीजों का इलाज होगा.

Latest and Breaking News on NDTV

दरअसल रायपुर के इंदिरा गांधी विवि के प्रोफेसर दीपक शर्मा रिसर्च स्कॉलर सलाखा जॉन ने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के रेडिएशन बायोलॉजी एंड health साइंस विभाग के साथ मिलकर साल 2016 से धान की एक किस्म की मेडिसिनल प्रॉपर्टी पर शोध शुरू किया. 

ये जानने की कोशिश थी की संजीवनी धान की किस्म के क्या फायदे हैं? जिस पर परिणाम चौंकाने वाले सामने आए. डॉ अशोक शर्मा बताते हैं कि संजीवनी धान में इम्मुनो बूस्टर के साथ कैंसर cell को ख़त्म करने के गुण पाए गए हैं. खासकर ब्रैस्ट कैंसर के लिए ज्यादा कारगर  बीते एक साल से वे खुद इस चावल का सेवन कर रहे हैं तब से वे बीमार नहीं हुए हैं. 

संजीवनी चावल का भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में चूहों पर परीक्षण किया गया जिसमें चूहों में चमत्कारिक परिणाम देखने को मिले, इतना ही नहीं सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट ने भी कैंसर से लड़ने के गुण संजीवनी चावल में पाए हैं. डॉ दीपक शर्मा ने बताया कि  संजीवनी चावल का मेडिसिनल ह्यूमन ट्रायल जनवरी से टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल में शुरू करने की तैयारी है. संजीवनी चावल में 213 तरह के बायोकैमिकल पाए गए हैं, जिसमें 7 तरह के तरह के केमिकल कैंसर रोधी माने जाते हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV


संजीवनी राइस में 213 phytochemical मिले हैं. ये हमारे बॉडी में जाकर एक्टिव रहते हैं. 213 में से 7 ऐसे compound  हैं जो एक कारक है जो nrf 2 को एक्टिव करते हैं. nrf 2 को एंटी oxydent भी बोलते हैं. बॉडी में oxydetiv डैमेज की वजह से कैंसर होता है cell mutate हो जाते हैं. ये compound ऐसे cell में घुसकर उन्हें ख़त्म करते हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

इसको दस दिन 10 ग्राम लेना है. मौसमी बीमारी से इम्युनिटी मिल जाती है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है cell डेड होने लगती है. डेड cell tumor में बदल जाता है. इसे लगातार लेते रहेंगे शरीर को फायदा है. दुनिया की पहली चावल की किस्म है, जिसका मेडिसिनल उपयोग होगा. दो से तीन साल में मेडिसिनल उपयोग होना शुरू हो सकता है. डॉ दीपक शर्मा बताते है छत्तीसगढ़ में सबसे पहले डॉ आर एच रिछारिया ने 1974 में चावल की किस्म को पंजीबद्ध करने का प्रयास किया उन्होंने ने करीब 18000 किस्मों की पहचान बताई. उन्होंने पचास साल पहले कहा था कि भविष्य में राइस थैरेपी होगी और आज वो दिन आ गया है .

ये भी पढ़ें CG: कांग्रेस ने BJP को जमकर घेरा, लगाए कई आरोप, बोले - इस्तीफा दें गृहमंत्री या CM बर्खास्त करें


 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
CG: कांग्रेस ने BJP को जमकर घेरा, लगाए कई आरोप, बोले - इस्तीफा दें गृहमंत्री या CM बर्खास्त करें 
बस्तर के इस चावल से होगा कैंसर का इलाज! रिसर्च में हुए कई खुलासे, PM के हाथों लांच कराने की तैयारी 
Gariaband Panduka Forest Department High alert issued dozens villages Presence toothless elephants 
Next Article
छत्तीसगढ़ के इस जिले में हाई अलर्ट पर हैं दर्जनों गांव, विभाग इसलिए करा रहा है मुनादी, यहां देखें नाम  
Close