
Basavaraju Gunman Interview: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अबूझमाड़ के जंगलों को सुरक्षित पनाहगाह समझते थे नक्सली लीडर... इसी चूक में नक्सलियों का चीफ बसवराजू (Basavaraju) माड़ के गुण्डेकोट के पास किलेकोट की पहाड़ियों में डीआरजी के जांबाज जवानों का निशाना बन गया. एनडीटीवी की टीम ने बसवराजू के खास गनमैन बाबू कवासी (Babu Kawasi) से बातचीत की, जहां नक्सली बाबू कवासी अपनी पत्नी के साथ इनकाउंटर में मौत के दहशत से सरेंडर करने पहुंचा था. इस दौरान उसने कई बड़े खुलासे किए हैं.
साफ-साफ बोलता था तेलगु
2012 से 2025 तक 13 नक्सलियों के सीसी मेंबर (सेंट्रल कमेटी) की सिक्योरिटी में जुड़े बाबू ने बताया कि बसवराजू के साथ बतौर गनमैन 2016 से दिसबर 2024 तक वो रहा. बसवराजू साफ तेलगु और हल्की गोंडी व टूटी-फूटी हिंदी भाषा जानते थे.
नक्सली संगठन में अब डीआरजी जवानों को सबसे बड़ा खतरा मानते है. बसवराजू नक्सली संगठन में डीआरजी जवानों के खिलाफ किस तरह लड़ना है. जंगलों फोर्स के खिलाफ एम्बुश लगाने के तरीके और बुबी ट्रेप में फंसाने का युद्धाभ्यास भी बसवराजू ही करवाते थे.
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नक्सलियों के लिए कोई ठिकाना सुरक्षित नहीं - गनमैन
बसवराजू के गनमैन ने कहा,'मुठभेड़ में मारे गए सभी नक्सलियों को मैं जानता हूं. लंबे समय से उनके साथ रहा हूं. अब अबूझमाड़ का या फिर बस्तर का कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है. हर जगह फोर्स पहुंच रही है. मैं तो कहता हूं सभी को सरेंडर कर मुख्यधारा में जुड़ जाना चाहिए.'
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