विज्ञापन

छत्तीसगढ़ में महिलाओं का कमाल! यहां पराली को बनाया आय का जरिया, कर रहे ये काम, जानिए कैसे हो रहा खूब मुनाफा?

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में महिलाएं पराली को छीलकर उससे सजावटी और उपयोगी वस्तुएं बना रही हैं. यहां की महिलाएं सुंदर और आकर्षक टोकरी, फूलदान, वॉल डेकोर और टेबल मैट तैयार कर रही हैं.

छत्तीसगढ़ में महिलाओं का कमाल! यहां पराली को बनाया आय का जरिया, कर रहे ये काम, जानिए कैसे हो रहा खूब मुनाफा?

How to earn from stubble: पंजाब और हरियाणा में किसान धान की फसल काटने के बाद पराली जला रहे हैं, जिससे राजधानी दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है. वहीं पर्यावरण के लिए संकट बनी धान की पराली अब छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए आर्थिक समृद्धि का साधन बन गई है. छत्तीसगढ़ में महिलाएं पराली से सुंदर और आकर्षक वस्तुएं बना कर मोटी कमाई कर रही हैं. दरअसल, बलौदा बाजार की महिलाएं पराली को छीलकर उससे सजावटी और उपयोगी वस्तुएं बना रही हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

वन विभाग की ओर से आयोजित पैरा आर्ट प्रशिक्षण शिविर ने 45 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिविर का आयोजन किया गया. बारनवापारा अभ्यारण में शिविर का आयोजन बलौदा बाजार वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल के निर्देशन और बारनवापारा अभ्यारण्य अधीक्षक आनंद कुदरया के मार्गदर्शन में किया गया. इस शिविर की पहल सहेली सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने की. इसमें अभ्यारण्य क्षेत्र के ग्राम बार, रवान और आसपास के गांवों की महिलाओं को पराली (धान की अवशेष) से खूबसूरत कलाकृतियां बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.

महिलाएं पराली से कर रही खूब कमाई

'पैरा से परवाज' के जरिए बारनवापारा अभ्यारण्य की महिलाएं न केवल धुएं को दौलत में बदल रही हैं, बल्कि सफलता और सशक्तिकरण की नई कहानी भी लिख रही हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

कैसे बदल रही है महिलाओं की जिंदगी?

पैरा आर्ट में पराली को छीलकर उसे सजावटी और उपयोगी वस्तुओं, जैसे टोकरी, फूलदान, वॉल डेकोर और टेबल मैट में बदला जाता है. इस कला के जरिए महिलाएं कम लागत में सुंदर और आकर्षक उत्पाद तैयार कर रही हैं. यह न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बना रहा है.

सॉवेनियर शॉप्स में बिक्री के लिए रखी गई कलाकृतियां 

वन विभाग ने इन उत्पादों की बिक्री के लिए एक ठोस योजना बनाई है. तैयार कलाकृतियों को बारनवापारा अभ्यारण्य के भीतर स्थित सॉवेनियर शॉप्स में बिक्री के लिए रखा जाएगा. यहां पर्यटक इन अनोखे उत्पादों को खरीदेंगे, जिससे होने वाली आय को महिला स्व-सहायता समूहों में वितरित किया जाएगा.

Latest and Breaking News on NDTV

पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका

यह पहल सिर्फ महिलाओं की आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक वरदान है. आमतौर पर धान की पराली को जलाने से प्रदूषण फैलता है. इसे उपयोगी उत्पाद में बदलकर एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत की गई है.

आर्थिक सशक्तिकरण की नई उड़ान

पैरा आर्ट से तैयार कलाकृतियां न केवल महिलाओं को आय का स्रोत प्रदान कर रही हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और सम्मान भी दिला रही है. इस पहल से बारनवापारा अभ्यारण्य और आसपास के गांवों की महिलाएं एक नई पहचान बना रही है.

ये भी पढ़े: Mahakumbh 2025: 12 साल के अंतराल में क्यों लगता है महाकुंभ मेला? कैसे तय होती है तारीख, जानें सही डेट और शाही स्नान का महत्व

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close