Devendra Yadav: बलौदा बाजार हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ मामले के आरोपी भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव सहित 7 लोगों के खिलाफ कोतवाली थाना में दर्ज एफआईआर पर पुलिस आज चालान पेश की. हालांकि इस मामले में पुलिस सिर्फ 5 आरोपियों के खिलाफ ही चालान पेश की है. विधायक देवेंद्र यादव और ओम प्रकाश को छोड़कर शेष आरोपियों के खिलाफ चालान पेश की गई है. वहीं देवेंद्र यादव और ओम प्रकाश के मामले में विवेचना कर चालान पेश करने के लिए 17 अक्टूबर तक का समय मांगी है, लेकिन 5 अक्टूबर तक का समय मिला है.
530 पेज का पेश किया गया चालान
बता दें कि 10 जून को सतनामी समाज के धरना प्रदर्शन में शामिल होने और उसके बाद हुई हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटना के बाद पुलिस सिटी कोतवाली थाना में अपराध क्रमांक 386/2024 दर्ज की है. इसमें पुलिस देवेंद्र यादव, दिनेश चतुर्वेदी, मोहन बंजारे, किशोर नवरंगे, राजकुमार सतनामी, नितेश उर्फ निक्कू टंडन, ओम प्रकाश बंजारे को आरोपी बनाई है. इन लोगों के खिलाफ धारा 153-A, 505 (1), 505(1)(B), 505(1)(C), 109,120(B), 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 307, 435, 436, 341, 427 भादवि और 3, 4 लोक संपत्ति को नुकसानी का निवारण अधिनियम 1984 के तहत एफआईआर दर्ज है. मामले में आज विवेचना अधिकारी निरीक्षक प्रणाली वैद्य ने विशेष लोक अभियोजक एमके देशपांडे के माध्यम से 530 पेज का चालान पेश किया.
देवेंद्र यादव की फिर से न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग
वहीं देवेंद्र यादव की ओर से अधिवक्ता अनादि शंकर मिश्रा सहित अन्य ने मामले में पैरवी की. पुलिस द्वारा इस दौरान देवेंद्र यादव की फिर से न्यायिक हिरासत बढ़ाए जाने की मांग की गई, जिसपर देवेंद्र यादव के अधिवक्ताओं ने आपत्ति प्रस्तुत करते हुए विभिन्न हाई कोर्ट के न्याय दृष्टांत का हवाला दिया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलौदा बाजार अजय खाखा की अदालत में सिटी कोतवली के अपराध क्रमांक 386/2024 में प्रकरण में घटना स्थल से संबंधित एक सील बंद लिफाफा में जब्त शुद्धा मेमोरी कार्ड, पेन ड्राईव, न्यायालय के सुलभ सन्दर्भ सहायता के लिए एक मास्टर पेन ड्राईव 32 GB क्षमता वाली और मेमोरी कार्ड अलग से तैयार कर सभी को एकीकृत एक सील बंद लिफाफा में अभियोग पत्र के साथ दिया गया है.
कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार
बता दें कि पुलिस के तरफ से एक बार फिर देवेंद्र यादव के मोबाइल को जब्ती करने के संबंध में तर्क दिए जाने पर देवेंद्र यादव के अधिवक्ता ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि पुलिस कुछ भी नहीं की है. हर बार सिर्फ मोबाइल को लेकर पुलिस जब्त करने की बात कहती है. 47 दिनों से देवेंद्र यादव जेल में हैं सिर्फ परेशान करने के लिए पुलिस काम कर रही है. कोर्ट ने पूछा मोबाइल कहां गई? पुलिस इतने दिनों में मोबाइल खोज क्यों नहीं पाई? जिसके बाद पुलिस की ओर से बताया गया कि देवेंद्र यादव के तरफ से कहा गया है कि देवेंद्र यादव के तरफ से मोबाइल प्रस्तुत की जाएगी. वहीं विधायक के तरफ से कहा गया कि गिरफ्तारी के बाद देवेंद्र यादव ने थाने में मोबाइल जब्त कराया था उसके बाद से मोबाइल कहां है पता नहीं चला.
विधायक देवेंद्र यादव ने पुलिस के कर्तव्यों पर उठाए सवाल
वहीं रायपुर सेंट्रल जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देवेंद्र यादव को पेश किया गया. इस दौरान विधायक देवेंद्र यादव ने पुलिस के कर्तव्यों पर सवाल उठाए. कहा कि पुलिस गुलामी की राह पर चल रही है. मुझे जितना जितना प्रताड़ित करना चाहती है करें, पुलिस अन्याय कर रही है. उन्होंने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई.