छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदा बाजार में 15 दिनों के भीतर एक के बाद एक तीन बुजुर्गों की हत्या कर दी गई. जहां भाटापारा के तरेंगा में योगेश अग्रवाल की गांव के ही सिरफिरे युवक ने लाठी से पीट पीट कर हत्या कर दी थी. वहीं कसडोल थाना क्षेत्र के ग्राम असनिंद में पूर्व जनपद सदस्य और कांग्रेस नेता दयाराम जायसवाल की जमीन विवाद पर ट्रैक्टर से कुचलकर भाई और भतीजों ने हत्या कर दी. इधर, बलौदा बाजार के रिसदा में 65 वर्षीय चिंतामणि वर्मा की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है.
कलयुगी बेटे ने अपने ही पिता को उतारा मौत के घाट
बता दें कि रिसदा के मंगल बाजार राम जानकी मंदिर के सामने रहने वाले मेघनाथ वर्मा के बेटे चिंतामणि वर्मा (65 वर्ष) की लाश घर के बाथरूम के सामने मिली थी. मृतक की पत्नी कुमारी बाई ने ही पड़ोसियों को बुला कर ये जानकारी दी थी. वहीं चिंतामणि वर्मा के शरीर पर गंभीर चोट और आसपास की जमीन पर खून के छीटें मिले थे.
हत्या होने की शक पर सरपंच ने पुलिस को सूचना दी. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर हत्या के एंगल से मामले की जांच शुरू की, क्योंकि मृतक घर में पत्नी और नातिन के साथ रहता था. साथ ही हत्या की जांच के लिए फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड भी बुलाये गए.
जमीन नहीं बेचने पर बेटे ने किया पिता की हत्या
इस हत्या कांड में पुलिस जल्द ही आरोपी तक पहुंच गई, क्योंकि हत्यारा कोई और नहीं बल्कि रिश्ते को तार तार करने वाला मृतक चिंतामणि वर्मा का बेटा जितेन्द्र ऊर्फ भोला वर्मा था. पुलिस ने जितेन्द्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने खुलासा किया कि वो हत्या को इसलिए अंजाम दिया, क्योंकि उसके पिता ने जमीन बेचने नहीं दिया.
कोतवाली थाना प्रभारी अजय झा ने बताया कि मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू हुई. जांच के दौरान जमीन नहीं बेचने देने की बात सामने आई. जिसके कारण कलियुगी बेटे ने अपने ही पिता को धारदार वस्तु से मारकर हत्या कर दी. पुलिस जांच के दौरान मृतक की पत्नी कुमारी बाई वर्मा, पंच मनोज वर्मा, संजय कुमार वर्मा, किरीत राम वर्मा से पूछताछ की.
कर्ज में डूबा था आरोपी
प्रभारी अजय झा ने बताया कि परिवार ने खुलासा किया कि मृतक का पुत्र जितेन्द्र वर्मा कुछ वर्षों से कर्ज से लदा हुआ है, जिसमें से कुछ कर्ज को पूर्व में मृतक ने अपनी जमीन को बेचकर चुकाया था. बाकी रकम चुकाने के लिए जितेन्द्र वर्मा अपने पिता पर जमीन बेचने के लिए दबाव बना रहा था.
इस बात को लेकर हमेशा पिता पुत्र में झगड़े भी होता रहता था. वहीं मौका मिलने पर 15 मार्च की सुबह 5.30 बजे चिंतामणि वर्मा जब अपने बाड़ी में बने हुए बाथरूम में शौच करने के लिए गया तो बेटे ने अंधेरे का फायदा उठाकर चिंतामणि वर्मा की हत्या कर दी.
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