Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में लगभग दो महीनें से लापता राजमिस्त्री का शव पुलिस ने खोज निकाला है. राजमिस्त्री का शव मैनपाट विकासखंड के ग्राम मुरैना में स्थित जल जीवन मिशन के तहत बनाई गई पानी टंकी के नींव से खोद कर बरामद किया गया है. इस दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के 100 हथियार धारी जवान मौके में तैनात कर दिए हैं. मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के पूर्व विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत भी मौके पर पहुंचे और कहा क्या सरकार बुलडोजर चलाएगी ? क्यों कि हत्या एक आदिवासी युवक की हुई है और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आदिवासी हैं.
ये है मामला
दरअसल राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा निवासी ग्राम बेलजोरा सीतापुर थाना 7 जून से लापता हो गया था. जिसकी गुमशुदगी उसके परिजनों ने अगले दिन 8 जून को सीतापुर थाना में दर्ज कराई थी. लेकिन लापता दीपेश उर्फ़ संदीप का कोई अता-पता नहीं लग रहा था. अंततः 21 जुलाई को सर्व आदिवासी समाज ने सीतापुर थाना का घेराव करते हुए थाने में ही आदिवासी समाज के लोगों घरना में बैठ गए.
आरोपियों ने कबूला जुर्म
दरअसल सीतापुर थाना पुलिस के द्वारा ठेकेदार व उसके साथियों के विरुद्ध मामला दर्ज करने के बाद आरोपियों की खोजबीन में जुटी हुई थी. लेकिन आरोपी फरार थे. पुलिस ने इस मामले के तीन आरोपियों को पिछले दिनों पकड़ कर पूछताछ की तो आरोपियों ने राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा की हत्या करना कबूल किया और बताया कि मृतक का शव उन्होंने ने मैनपाट में जनजीवन मिशन के बने पानी टंकी के नींव में दफ़न कर दिया है.
100 हथियारबंद पुलिस जवान किए तैनात
आरोपियों की निशानदेही पर मैनपाट ग्राम लूरैना में पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी के मदद से पानी टंकी को गिरा कर मृतक का शव अपने कब्जे में लेकर उसकी जांच के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है. शव के साथ निकले कपड़े की पहचान पर प्रथम दृष्टि शव संदीप का बताया जा रहा है.
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इसलिए कर दी थी संदीप की हत्या
सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा निवासी दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा राजमिस्त्री का काम करता था. वह उस दौरान सीतापुर के ग्राम उलकिया में सरकारी भवन के काम में कर रहा था.इसी बीच वह 7 जून 2024 वह काम करके घर नहीं लौटा.
इसके बाद मृतक की पत्नी अपने पति को खोजने की गुहार लगाते हुए अम्बिकापुर एसपी व आईजी कार्यालय में आवेदन दिया. इसके बाद भी पुलिस इस मामले में शांत बैठीं रही अंततः सर्व आदिवासी समाज ने थाने का घेराव किया तब पुलिस हरकत में आई और ठेकेदार सहित चार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था.
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