Chhattisgarh News: भारत नक्सलवाद मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. 'लाल आतंक' को जड़ से खत्म करने की डेडलाइन 31 मार्च 2026 तय की गई है. इससे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के सरेंडर का सिलसिला जारी है. इसी साल सैकड़ों नक्सली हथियार डाल चुके हैं. इसी बीच खबर आई है कि सात नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के उसूर और ईलमिडी थानाक्षेत्र में अलग-अलग ठिकानों से 7 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं. उसूर थानाक्षेत्र से 5 नक्सली और ईलमिडी थानाक्षेत्र से 2 नक्सली गिरफ्तार करने में सफलता मिली है.
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इन सात नक्सलियों को गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), 229 बटालियन, कोबरा 205 बटालियन और उसूर थाने के जवानों ने संयुक्त कार्रवाई की. इन नक्सलियों पर ग्रामीणों की हत्या सहित नक्सली गतिविधियों के कई मामलों में शामिल होने का आरोप है.

कोंडागांव: तीन नक्सलियों का सरेंडर
इधर, छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में नक्सली संगठन को जोरदार झटका लगा है. तीन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक महिला नक्सली भी शामिल है.
महिला नक्सली पूर्वी डिवीजन की सप्लाई सदस्य है, जबकि दो पुरुष नक्सली माताला और क्रिसकोड़ो क्षेत्र में डीएमकेएस सदस्य हैं. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ मर्दापाल और आमाबेड़ा थाना क्षेत्रों में कई मामले दर्ज हैं. इन सभी ने पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा के सामने सरेंडर किया है.
बस्तर रेंज: रेड कॉरिडोर का दिल
नक्सलवाद प्रभावित छत्तीसगढ़ में बस्तर रेंज को 'लाल आतंक' का गढ़ कहा जाता है. रेड कॉरिडोर के दिल बस्तर में भी नक्सली तेजी से सरेंडर कर रहे हैं. हालांकि, 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ की स्थापना के बाद से अब तक सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 3404 मुठभेड़ें हो चुकी हैं. साल 2025 में अब तक 89 मुठभेड़ों में 224 नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि साल 2024 में 123 मुठभेड़ों में 217 नक्सली मारे गए थे.