CGPSC 2023: 500 रुपये महीना दीजिए और मन लगाकर पढ़िए और फिर बन जाइए अधिकारी... ये सुनकर थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन ये सच है. रायपुर में संचालित नालंदा परिसर की कहानी कुछ ऐसी ही है. नालंदा परिसर में पढ़ने वाले छात्र लगातार सफलता हासिल कर रहे है.
रायपुर के नालंदा परिसर में 50 हजार हैं किताबें
गौरतलब है कि 2018 में रमन सरकार ने 18 करोड़ की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण कराया था, ताकि कम खर्च में परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को पढ़ाई का सकारात्मक माहौल मिल सके. इतना ही नहीं इस परिसर में 50 हजार किताबें हैं, जिसमें से 90 प्रतिशत प्रतियोगी परीक्षा की किताबें हैं.
इस परिसर में पढ़ने वालों की इतनी है फीस
वहीं इस परिसर में पढ़ने वाले गरीब बच्चों से महीने में 200 रुपये फीस लिए जाते हैं, जबकि सामान्य वर्ग के अभ्यार्थियों से फीस के रुप में 500 रुपये लिए जाते हैं.
सीनियर के चयन से पैदा होता है उत्साह
एनडीटीवी की टीम ने अलग अलग परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यार्थियों से बात की. अभ्यार्थियों ने बताया कि इस कैंपस में पढ़ाई करने में अच्छा लगता है. लगातार सीनियर के चयन से उनमें उत्साह पैदा होता है.
PSC की तैयारी कर रहे ऐमन साहू ने बताते हैं कि यहां पढ़ने से कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है. साथी का चयन होते देख लगता है कि उनका भी दिन आएगा. ग्रामीण क्षेत्र से जो बच्चे यहां आकर पढ़ाई कर रहे है उनका रिजल्ट अच्छा रहा. जिससे उनके अंदर भी पाजिटिविटी बढ़ी है.
प्राइवेट इंस्टिट्यूट से बेहतर है नालंदा परिसर का माहौल
सिविल जज की तैयारी कर रहे सनत कुमार साहू बताते हैं कि यहां का एनवायरनमेंट बहुत अच्छा है. उनके भाई ने यहां पढ़कर तीन एग्जाम क्लियर किए हैं. आज वो रेलवे में AE हैं. भाई के मोटिवेशन पर वो भी यहां कर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है मेरा भी चयन जल्द होगा.
कोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद समय निकालकर अर्शी शर्मा नालंदा परिसर के लाइब्रेरी में पढ़ाई करने पहुंचती है. अर्शी कहती है कि यहां पर 24X7 दिन पढ़ने लायक माहौल है. यहां समय के अनुसार आ सकते हैं. ये जगह प्राइवेट इंस्टिट्यूट से बहुत बेहतर है. क्लासमेट से डिस्कशन हो जाता है, जिससे एग्जाम की पूरी तरह से जानकारी मिल जाती है.
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