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Naxalite Surrender: तेलंगाना DGP के सामने 37 माओवादियों का सरेंडर, 20-20 लाख के 3 CCM मेंबर भी शामिल, हर नक्सली को मिले 1.41 करोड़

छत्तीसगढ़–तेलंगाना बॉर्डर पर 37 Maoists Surrender कर चुके हैं, जिनमें 3 Central Committee Members (CCM) भी शामिल हैं. तेलंगाना DGP शिवधर रेड्डी के सामने हुए इस सरेंडर में प्रत्येक नक्सली को 1.41 crore rehabilitation support दिया गया. यह सरेंडर Hidma Encounter के चार दिन बाद हुआ है, जिसे सुरक्षा एजेंसियां नक्सल मोर्चे पर बड़ा बदलाव मान रही हैं.

Naxalite Surrender: तेलंगाना DGP के सामने 37 माओवादियों का सरेंडर, 20-20 लाख के 3 CCM मेंबर भी शामिल, हर नक्सली को मिले 1.41 करोड़
37 Maoists Surrender in Telangana: फाइल फोटो

छत्तीसगढ़–तेलंगाना सीमा पर 37 नक्सलियों ने (Maoist Surrender) तेलंगाना DGP शिवधर रेड्डी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.  आत्मसमर्पण करने वालों में 3 Central Committee Members (CCM) भी शामिल हैं, जिन पर 20–20 लाख का इनाम घोषित था. इनमें दो नक्सली 2 आंध्र–तेलंगाना और एक छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले हर नक्सली को 1 करोड़ 41 लाख रुपये मौके पर प्रदान किए. पुनर्वास योजना के तहत उन्हें अन्य विशेष सुविधाएं भी दी जाएंगी. 

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CCM सदस्यों के नाम

  • कोय्याल सांब्य्या उर्फ़ आज़ाद
  • अप्पासी नारायण उर्फ़ रमेश
  • मुचाकी सोमड़ा

हिड़मा की मौत के बाद सरेंडर  

18 नवंबर को सुकमा-बीजापुर-आंध्र बॉर्डर के जंगलों में हुई संयुक्त मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिड़मा, उसकी पत्नी राजे और पांच अन्य नक्सलियों को ढेर कर दिया था. इस कार्रवाई को सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले एक दशक की सबसे बड़ी कामयाबी बताया है. हिड़मा पिछले 34 साल से नक्सलवाद के रास्ते पर था और उस पर 340 से अधिक हत्याओं के आरोप थे. इन वारदात में सुरक्षा बलों के जवानों के साथ मासूम ग्रामीण भी शामिल थे. हिड़मा 2010 में दंतेवाड़ा में 76 CRPF जवानों की हत्या का मास्टरमाइंड था. इसके अलावा उसने राहत शिविर में 31 लोगों को जिंदा जलाकर मारने की वारदात को भी अंजाम दिया था. उसके ऊपर छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा की सरकारों ने मिलकर 1.80 करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. जानकारों का कहना है कि हिड़मा के खात्मे के बाद बस्तर में नक्सल मोर्चे पर बड़ा बदलाव आएगा और नक्सलवाद की पकड़ कमजोर होने की संभावना है. हिड़मा की मौत के चार दिन बाद हुए इस सरेंडर को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. सरेंडर करने वाले माओवादी हिड़मा से जुड़े हुए बताए जा रहे है.

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