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This Article is From Sep 22, 2023

Bilaspur : जान जोखिम में डालकर जर्जर स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर 250 बच्चियां, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

स्कूल का जर्जर हालत के चलते यहां पढ़ने वाली करीब 250 मासूमों की जिंदगी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ये बच्चियां अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं.

Bilaspur : जान जोखिम में डालकर जर्जर स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर 250 बच्चियां, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
बिलासपुर जिले के तखातपुर के महाराणा प्रताप चौक स्थित 38 साल पुराना शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय का हाल बदहाल है.
बिलासपुर:

Chattisgarh News: सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को बेहतर करने, स्कूली बच्चों को अच्छी सुविधाएं, अच्छी बिल्डिंग और स्कूल में अच्छा माहौल देने के तो तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में हकीकत इससे उलट है. बिलासपुर जिले के तखातपुर के महाराणा प्रताप चौक स्थित 38 साल पुराना शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय का हाल बदहाल है. स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है और बारिश में स्कूल के छत से पानी टपकता है. छत और दीवारों से प्लास्टर उखड़ने लगे हैं. वहीं पिलरो का वजूद खत्म हो रहा है. भवन में आखिरी बार मरम्मत कब हुआ था, इस बारे में कोई नहीं जानता. जर्जर भवन को देखकर हमेशा किसी हादसे का डर बना रहता है. जिम्मेदारों की उदासीनता और लापरवाही का ही नतीजा है कि आज भी छत के नीचे बैठकर करीब 250 मासूम छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं.

छत और दीवारों से प्लास्टर उखड़ने लगे हैं. वहीं पिलरो का वजूद खत्म हो रहा है.

स्कूल की छत और दीवारों से प्लास्टर उखड़ने लगे हैं. वहीं पिलरो का वजूद खत्म हो रहा है.

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जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर बच्चियां

स्कूल का जर्जर हालत के चलते यहां पढ़ने वाली करीब 250 मासूमों की जिंदगी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ये बच्चियां अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं. इनके साथ ही यहां के शिक्षक भी अपनी जान को जोखिम में डालकर पढ़ा रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अफसरों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इस सरकारी स्कूल में शिक्षा के नाम पर मासूमों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.

छत से कंक्रीट का टुकड़ा गिरना आम बात

स्कूल के छात्राओं से जब जर्जर छत के नीचे बैठकर पढ़ने के बारे में पूछा गया तो बच्चों ने सहम कर जबाब दिया कि डर तो बहुत लगता है लेकिन क्या करें, छत से कंक्रीट का टुकड़ा गिरना आम बात है. शिक्षकों की मानें तो शिक्षा विभाग के अफसरों को कई बार जर्जर बिल्डिंग के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन आज तक विभाग ने सुध नहीं ली. जिससे आज भी मासूम बच्चे जर्जर अवस्था में बनी बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर हैं. वहीं छात्राओं के परिजन भी किसी अनहोनी के डर से सहमे हुए हैं और अपने बच्चों को स्कूल से निकालने का मन बना चुके हैं.

स्कूल की छात्राओं ने बताया कि छत से कंक्रीट का टुकड़ा गिरना यहां के लिए आम बात है.

स्कूल की छात्राओं ने बताया कि छत से कंक्रीट का टुकड़ा गिरना यहां के लिए आम बात है.

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