बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में लगभग 2 हफ्ते से बारिश नही हो रही है. ऐसे में किसानों के चेहरे पर शिकन देखने को मिल रही है. किसान बारिश की उम्मीद में खेती करने को आतुर हैं, ऐसे में बैंक और साहूकारों से लोन लेकर खेती कर रहे हैं. ये अपना लोन तभी चुका पाएंगे जब बारिश होगी. मगर स्थिति ये है कि जिले में पिछले 2 सप्ताह से बारिश नहीं हो रही है.
प्रकृति की मार एक तरफ मध्य प्रदेश के लगभग 25 जिलों में अति वर्षा की चेतावनी दी जा रही है, वहीं पर छतरपुर जिला एक ऐसा जिला है, जिसमें लगभग 2 हफ्तों से बारिश ना होने की वजह से फसल मुरझाने लगी है. बुंदेलखंड एक पठारी इलाका है. यहां की मिट्टी हल्की एवं लाल होती है. इस वजह से अगर एक हफ्ते ही पानी ना बरसे तो फसल को नुकसान होने लगता है.
पिछले 2 सप्ताह से बारिश न होने से खेतों में खड़ी किसानों की खरीफ की फसल पीली पड़ती जा रही हैं. हरपालपुर से आई तस्वीरें यह बयां करती हैं कि मौसम का फसलों पर बुरा असर पड़ने लगा है. किसानों का कहना है कि 15 हजार रुपए क्विंटल मूंगफली का बीज खरीदा था लेकिन बारिश न होने से मूंगफली का पौधा पीला पड़ता जा रहा है. जिन किसानों के पास सिंचाई के साधन हैं, वे अपनी फसल बचाने में जुटे हैं. चूंकि धूप अधिक हो रही है इसलिए तेजी के साथ फसल के पौधे सूख रहे हैं.
ब्रजेन्द्र अरजरिया ने बताया कि इस वर्ष खरीफ फसल की अच्छा उत्पादन की संभावना व्यक्त की गई थी लेकिन जिस तरह से मौसम की बेरुखी है, उसको देखकर कोई कयास नहीं लगाए जा सकते. अभी तक जिले में सिर्फ 11 इंच बारिश हुई है.
कृषि अधिकारी सुरेन्द्र अग्रवाल कहते है कि बारिश न होने से अभी फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन 4-5 दिन में बारिश न हुई तो खेत सूखने की स्थिति में पहुंच जाएंगे.