
छतरपुर जिले में जेल विभाग से पहली बार किसी को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है. लवकुश नगर के सहायक जेल अधीक्षक अनिल पाठक का चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है. पाठक को यह पुरस्कार सराहनीय सुधारात्मक सेवाएं प्रदान करने के लिए दिया जा रहा है. विभाग ने अनिल पाठक के कार्यों के मूल्यांकन के बाद राष्ट्रपति पुरस्कार देने के लिए प्रस्ताव भेजा था. जिसे मंजूर कर लिया गया है. अनिल पाठक को यह पुरस्कार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिया जाएगा.
वर्तमान में पाठक लवकुशनगर जेल में सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कैदियों को अपराध से दूर रहने, सामाजिक सहभागिता, अध्यात्म, योग का महत्व, महापुरुषों के जीवन से सीख लेने जैसे सुधारात्मक कार्य किए हैं. इसके अलावा उन्होंने कैदियों को जेल से निकलने के बाद सामाजिक और पारिवारिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने की दिशा में कार्य किया. इससे पहले भी अनिल पाठक को सराहनीय सेवाओं के लिए प्रदेश स्तर का सम्मान मिल चुका है.
मिल चुका है डीजी डिस्क सम्मान
विभिन्न चरणों में हुई जांच और अवलोकन के बाद उनका चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है. इसके पहले पाठक को सराहनीय सेवाओं के लिए प्रदेश के जेल विभाग का सर्वोच्च डीजी डिस्क सम्मान समेत जिला, संभाग और प्रदेश स्तर पर प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए हैं. सतना जिले के नागौद थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित सितपुरा के रहने वाले अनिल पाठक बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे हैं.
1993 से दे रहे हैं सेवाएं
अनिल पाठक ने जेल विभाग में दिसंबर 1993 से सेवाएं प्रारंभ की. उन्होंने मंडलेश्वर जिला खरगोन से अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद खंडवा में भी सेवाएं दीं. इसके बाद उन्हें अप्रैल 1997 में स्थाई प्रहरी के रूप में महू जिला इंदौर जेल पदस्थ किया गया. यहां से 2001 में रीवा स्थानांतरण के बाद 2005 में बिजावर उप जेल में भी उनकी पदस्थापना की गई. इस दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ ही बिजावर जेल परिसर को साफ स्वच्छ, बनाते हुए आध्यात्मिक, योग की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया. यहां पर उन्होंने पौधारोपण भी करवाया. यहीं पर रहते हुए वह सितंबर 2013 में विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर सहायक जेल अधीक्षक के पद पर पहुंचे और उनकी पदस्थापना ग्वालियर जेल में की गई. इसके बाद अक्टूबर 2015 में उन्हें लवकुश नगर में सहायक जेल अधीक्षक के रूप में पदस्थापित किया गया.