
GST Reduction News: जीएसटी काउंसिल की 56वीं मैराथन बैठक में बुधवार (3 सितंबर) को बड़ा फैसला लिया गया. बैठक करीब 10.5 घंटे चली, जिसमें केंद्र और राज्यों ने मिलकर टैक्स ढांचे में व्यापक सुधार को मंजूरी दी. अब 22 सितंबर से पूरे देश में सिर्फ दो टैक्स स्लैब – 5% और 18% लागू होंगे.
आम आदमी और किसानों को मिलेगा फायदा: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “हमने जीएसटी स्लैब को घटा कर सिर्फ दो कर दिया है. पंजीकरण, रिटर्न फाइलिंग और रिफंड की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है. हमारा ध्यान आम आदमी पर है. रोज़मर्रा की चीजें सस्ती होंगी, किसान और कृषि क्षेत्र को फायदा होगा और श्रम-प्रधान उद्योगों को मजबूती मिलेगी.” उन्होंने आगे कहा कि यह सुधार सिर्फ टैक्स रेट घटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस, ईज ऑफ लिविंग और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
खाद और उर्वरक पर राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार फर्टिलाइजर सेक्टर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को दुरुस्त कर रही है. इसके तहत सल्फ्यूरिक एसिड (H₂SO₄) और अमोनियम पर जीएसटी घटाया गया है.
सीमेंट, दवाइयों और वाहनों पर बड़ी कटौती
- सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% कर दिया गया.
- 33 जीवन रक्षक दवाइयों को 12% से हटा कर निल (0%) जीएसटी स्लैब में डाल दिया गया.
- बस, ट्रक, एंबुलेंस और थ्री-व्हीलर अब 28% की बजाय 18% जीएसटी स्लैब में आएंगे.
- स्पेक्टेकल्स और गॉगल्स पर भी टैक्स 28% से घटाकर 5% कर दिया गया.
हैंडीक्राफ्ट, कृषि मशीनरी और उपभोक्ता सामान सस्ते
- सरकार ने रोजमर्रा की कई चीजों और ग्रामीण क्षेत्रों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों पर टैक्स घटाया है.
- सोइल हार्वेस्टिंग मशीन, फॉडर मशीन और कम्पोस्टिंग मशीन पर अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा.
- हैंडीक्राफ्ट, मार्बल, ग्रेनाइट ब्लॉक्स और लेदर गुड्स को भी 5% स्लैब में लाया गया.
- शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, साइकिल, टेबलवेयर और घरेलू सामान अब 5% टैक्स श्रेणी में होंगे.
खाने-पीने की चीजों पर भी राहत
पनीर और सभी तरह की इंडियन ब्रेड्स पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा (Nil GST).
नमकीन, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, कॉफी, बटर, घी, कॉर्नफ्लेक्स और चॉकलेट्स पर भी दरें घटाई गई हैं.
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