
Chhattisgarh Assembly Elections: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 में राष्ट्रीय दलों के साथ ही क्षेत्रीय पार्टियां भी अपनी किस्मत आजमाना चाहती हैं. इनमें कुछ ऐसे दल भी हैं, जो एनडीए के खिलाफ देश में कांग्रेस के नेतृत्व में बनी INDIA का हिस्सा हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये दल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी करेंगे. दरअसल कांग्रेस के नेतृत्व में बनी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंनक्लूसिव एलायंस (Indian National Developmental Inclusive Alliance) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और सामाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) भी शामिल हैं. लेकिन यही दोनों सहयोगी पार्टियां छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के खिलाफ विधानसभा चुनाव (assembly elections) लड़ेंगी.आप के बाद सपा ने भी इसका ऐलान कर दिया है.दोनों ही दल फिलहाल राज्य की सत्ताधारी दल कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)तो राज्य में आकर बकायदा गारंटियां भी दे गए हैं. आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं इस बार आप और सपा का गणित क्या है?

अब लगे हाथ ये भी जान लेते हैं कि साल 2018 में हुए चुनावों में इन दलों का प्रदर्शन कैसा रहा था. हकीकत ये है कि दोनों ही दलों को नोटा से भी कम वोट मिले थे.

खुद समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी के प्रतिनिधि बृजेश चौरसिया का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य की 25 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी. इसके लिए रायपुर के सरोना में बड़ी सभा का आयोजन किया जा रहा है. दूसरी तरफ INDIA गुट में शामिल दलों का कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान को बीजेपी ने आड़े हाथ लिया है. बीजेपी ने इंडिया एलायंस को ही अवसरवादी करार दे दिया है.पार्टी के प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल (Anurag Agarwal) का कहना है कि मोदी विरोध में कुछ राष्ट्र विरोधी लोगों ने अजीब सा गठबंधन किया है. ये कहते हैं कि राष्ट्र में हम एक होकर चुनाव लड़ेंगे लेकिन राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं,ये अवसरवादी लोग हैं.
हालांकि छत्तीसगढ़ में इंडिया एलायंस के गुटों के चुनावी मैदान में उतरने को लेकर कांग्रेस के अपने तर्क हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता कहते हैं कि गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए है, विधानसभा में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. हालांकि इंडिया गुट के दल आप और सपा छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस के लिए कितनी मुसीबत बन सकते हैं, ये आने वाले 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम के साथ ही सामने आ जाएगा.
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