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This Article is From Oct 12, 2023

Chhattisgarh Assembly Election : 40 साल से हैं परेशान, ग्रामीणों ने कहा- इस बार नहीं करेंगे मतदान

घोरदा में ग्रामीण एकजुट हो गए हैं और अपनी मांग पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दे रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने पोस्टर-बैनर भी लगा दिए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पत्थर खदान के कारण उनके घरों में दरारें आ रही हैं. वहीं इस क्षेत्र का जलस्तर भी नीचे जा रहा है.

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Chhattisgarh Assembly Election : 40 साल से हैं परेशान, ग्रामीणों ने कहा- इस बार नहीं करेंगे मतदान
राजनांदगांव:

Chhattisgarh News :  डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम घोरदा में ग्रामीण एकजुट हो गए हैं और अपनी मांग पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दे रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने पोस्टर-बैनर भी लगा दिए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पत्थर खदान के कारण उनके घरों में दरारें आ रही हैं. वहीं इस क्षेत्र का जलस्तर भी नीचे जा रहा है. इस समस्या को लेकर शिकायत की गई है, लेकिन शासन-प्रशासन भी खदान संचालक के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं.

ग्रामीणों को आरोप : लीज खत्म होने के बाद भी संचालित हो रही है खदान

ग्राम घोरदा के ग्रामवासियों का कहना है कि यहां पर पत्थर खदान का संचालन किया जा रहा है, जिसके कारण ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. पेयजल के अलावा कृषि के लिए भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 40 सालों से यह समस्या चली जा रही है. खदान के संचालन के लिए प्रशासन द्वारा दी गई लीज पहले ही खत्म हो चुकी है, लेकिन नियम-कायदे को ताक में रखकर प्रशासनिक अधिकारियों से सांठ-गांठ कर खदान संचालक द्वारा खदान का संचालन किया जा रहा है.

इस मामले में प्रशासन और शासन से लगातार शिकायत करने के बावजूद अब तक ग्रामीणों को आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला है.

2023 विधानसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार

इन समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण लामबंद हो गए हैं और 2023 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं. इस गांव में रहने वाले हृदय राम साहू का कहना है कि गांव में निर्मल कुमार जैन नामक शख्स द्वारा खदान का संचालन किया जा रहा है. इसकी वजह से हमें बहुत समस्या हो रही है इस मामले में शिकायत की गई है, लेकिन हमें कोई सहयोग आज तक नहीं मिला है. इस वजह से हम चुनाव बहिष्कार करने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा हाई कोर्ट का हवाला देते हुए लगातार हमारे साथ नाइंसाफी की जा रही है.

मेघदास साहू का कहना है कि खदान हमारे लिए बहुत बड़ी समस्या बन गई है, जिसके कारण हम चुनाव बहिष्कार तक पहुंचे हैं. इस खदान की लीज 2008 में सरेंडर की जा चुकी है.

मेघदास साहू का आरोप है कि खदान संचालक द्वारा यहां फार्म हाउस बनाकर खदान को चलाया जा रहा है, जो कि अवैध है. इस बारे में तहसील द्वारा द्वारा रिपोर्ट भी पेश की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. एसडीएम गलत रिपोर्ट बना रहे हैं. एसडीएम आज चुनाव अधिकारी हैं. इसलिए हम चुनाव का बहिष्कार करने जा रहे हैं.

बता दें कि 2023 विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा हो चुकी है. वही डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम घोरदा में चुनाव बहिष्कार की चेतावनी के साथ ग्रामीण लामबंद हो गए हैं. लंबे समय से पत्थर खदान के कारण यहां विवाद की स्थिति बनी हुई है.

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