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This Article is From Aug 04, 2023

आबकारी, SBI और LIC से लेकर अनूपपुर के SP तक का सफर, अनुभव से हो रहा है जिले को फायदा

छुट्टियों के समय ये धार्मिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक, स्थलों का भ्रमण करना पसंद करते हैं.

आबकारी, SBI और LIC से लेकर अनूपपुर के SP तक का सफर, अनुभव से हो रहा है जिले को फायदा

जिले के पुलिस अधीक्षक खंडवा जिले के रहने वाले हैं. इन्होंने अपनी शिक्षा की यात्रा में प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा केंद्रीय विद्यालय इंदौर में रहते हुए बीए, एमए, लॉ, की पढ़ाई की है. शुरुआत से ही हाई स्कूल एवं महाविद्यालय की शिक्षा के समय ही मेरे मन मे मानव सेवा, और देश सेवा का भाव था. मेरी दिनचर्या की बीते 30 वर्षो से रोज सुबह 6 बजे उठकर टहलने के साथ ही हल्की दौड़, व्यायाम ओर हल्के नाश्ते के साथ दिन की शुरुआत होती है.
 

जितेन्द्र सिंह पंवार ने बताया कि मेरे परिवार में माता, धर्मपत्नी और दो बच्चे हैं. वर्तमान में दोनों पढ़ाई कर रहे हैं. मैं बच्चों को सीख देता हूं कि ज़िंदगी में सफल होने के लिए मेहनत जरूरी है.


इनकी प्रशासनिक शुरुआत आबकारी, स्टेट बैंक आफ इंडिया, एलआईसी डीएमओ, जीआईसी डीएमओ, तहसीलदार, फिर 1995 से उपपुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के पद पर विभिन्न स्थानों में जिसमे बालाघाट, हरदा, शाजापुर, खरगौन, सागर, इंदौर, नीमच में कार्यरत रहे. वर्ष  2020 की भर्ती के आधार पर 2021 में मेरी पुनर्नियुक्ति आईपीएस में किया गया तथा उक्त पुनर्नियुक्ति / पद्दोन्नति म.पर.शासन द्वारा वर्तमान में पुलिस अधीक्षक अनूपपुर के रूप में हुई.

कार्यकाल के दौरान बड़ी उपलब्धि 

अनूपपुर जिले का पदभार संभालते ही देश भक्ति एवं जनसेवा का भाव लिए हुए जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहल की है. हमने ऑपरेशन मुस्कान के तहत केवल 7 माह के अंदर 1 सैकड़े से ऊपर बालक बालिकाओं को भारत के विभिन्न राज्यो से लाकर परिवारों के सुपुर्द किया है. यह हमारे विभाग एवं मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि रही है.


सबसे अहम बात मैने मुझे प्रशासनिक सेवा के दौरान 2 सिंहस्थ में डियूटी करने का अवसर मिला जिसमे 2004 में ओम्कारेश्वर व 2016 में उज्जैन की जिम्मेदारियां संभाली उस वक़्त के दौर पर बहुत से साथी डियुटी करने से कतराते थे पर मैने स्वयं सिंहस्थ में डियुटी लगवाकर जन सेवा का बीड़ा उठाया जो कि मानव सेवा और सुरक्षा सेवा में पुलिस विभाग की चर्चा पूरे विश्वव्यापी रही है, नीमच में हुए किसान आंदोलन पर शांति व्यवस्था के समय डियुटी पर तैनात था जिसमे देश भर की नजरें टिकी थी.

छुट्टियों के समय ये धार्मिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक, स्थलों का भ्रमण करना पसंद करते हैं.


सरकारी विभागों के कल्चर के बारे में बताया कि आज मुझे लगभग 25 वर्ष सरकारी विभाग में कार्य करते हो चुके है और मुझे शासकीय विभाग का कल्चर मुझे अच्छा लगता है मेरे सेवा काल दौरान आई विषम परिस्थितियों के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों का मार्ग दर्शन और मेरे विभाग का हमेशा सहयोग रहा है जिससे बड़ी से बड़ी परेशानी आई पर मुझे परेशनी के बड़े होने का अहसास नही हो सका.


सभी थानों को निर्देशित किया गया है कि चाहे कोई भी फरियादी हो उन्हें विभाग से किसी भी तरह की समस्या नही होनी चाहिए आम जन मानस से शांति प्रिय,सद्भाव का बर्ताव ही करना है जिससे जिले में शांति व्यवस्था बानी रहें.

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