Surrendered Naxalites Passed 10th and 12th Exam: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) की नीति से प्रभावित होकर राज्य के कई नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं. ऐसी ही एक कहानी है लिवरु उर्फ दिवाकर की. जिन्होंने महज 16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था और नक्सली के रूप में हाथ में हथियार लेकर जंगल-जंगल भटकते थे. दिवाकर ने 17 वर्षों तक नक्सली के रूप में कार्य किया. उनके ऊपर सरकार ने 14 लाख रुपये का इनाम भी रखा था. आज दिवाकर ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास (Passed Board Exam) कर ली है और समाज में एक अलग पहचान बना रहे हैं. दिवाकर जैसे कई नक्सली अपना भविष्य गढ़ने के लिए शिक्षा की राह पर निकल पड़े हैं.