Success Story : पैर से दिया था दसवीं का एग्जाम, रिज़ल्ट आया तो...

  • 9:24
  • प्रकाशित: जनवरी 23, 2025

हाथों की लकीरों पर कभी विश्वास मत करना, क्योंकि तकदीरें तो उनकी भी होती हैं, जिनके हाथ नहीं होते. ये पंक्तियां सुगंती अयाम पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी (Dindori News) जिले में एक दिव्यांग छात्रा सुगंती ने दिव्यांगता की परिभाषा और मायने को ही बदलकर रख दिया है. छोटे से गांव सुनियामार में रहने वाली जन्म से ही दिव्यांग (Divyang) सुगंती अयाम ने दिव्यांगता को अपने हौसलों के आगे दीवार नहीं बनने दिया. सुगंती ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को कैसे जीवंत करके रख दिया, देखिये डिंडौरी से हमारी खास रिपोर्ट.

संबंधित वीडियो