सतना (Satna) जिले के नागौद विकासखंड के शिवराजपुर संकुल क्षेत्र के इटमा गांव में शिक्षा का अधिकार आज भी अधूरा नजर आ रहा है. प्राथमिक विद्यालय भवन के अभाव में पिछले 12 साल से मासूम बच्चे सड़क किनारे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस विद्यालय में फिलहाल 19 छात्र नामांकित हैं, लेकिन न तो उनके पास पक्की छत है और न ही पढ़ाई के लिए सुरक्षित वातावरण. गांव के ही निवासी दरबारी लाल लोधी ने बिना किराए अपना घर विद्यालय संचालन के लिए उपलब्ध कराया है. हालांकि, जगह कम पड़ने के कारण बच्चे अधिकतर समय सड़क किनारे ही बैठकर पढ़ाई करने को विवश रहते हैं. यह स्थिति न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर असर डाल रही है, बल्कि मासूम बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से भी चिंता का विषय बनी हुई है.