
Madhya Pradesh: Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana: भारत में आज भी किसानी, किसान और किसानों का परिवार हर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के मूल में होते हैं. देश में सबसे ज्यादा आबादी इसी वर्ग की है. ऐसे में मध्य प्रदेश की सरकार मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना भी राज्य के किसानों के लिए चलाई जा रही है. यह योजना राज्य का राजस्व विभाग चलाता है. केंद्र की योजना को राज्य सरकार ने परिवर्तित कर अपने हिसाब से तैयार किया है. इस योजना का आरंभ 22 सिंतबर 2020 को किया गया था.
सरकारी वेबसाइट के अनुसार योजना का उद्देश्य कृषि को लाभ का धंधा बनाए जाने की परिकल्पना को पूर्ण करने, कृषि हेतु उन्नत तकनीक का उपयोग करने, कृषकों की आय संवर्धन के उद्देश्य को पूर्ण करने एवं प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना प्रारंभ की गई.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य हो जाता है. इस योजना के लाभार्थी को पीएम-किसान योजना के तहत पात्रता की शर्ते को पूरा करना होता है.
सबसे बड़ी बात यह उन किसानों पर लागू नहीं होती है जो उच्च आर्थिक स्थिति वाले वर्ग में आते हैं. उच्च आर्थिक स्थिति के भूमि-स्वामी इस योजना के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं हैं. इनकी पहचान भी कुछ इस तरह की जाती है.
अ. सभी संस्थागत भूमि-स्वामी; तथा
ब. कृषक परिवार जिनमें एक या अधिक निम्न श्रेणी के सदस्य हैं :-
1) भूत-पूर्व और वर्तमान में संवैधानिक पदों पर पदस्थ,
2) भूत-पूर्व और वर्तमान में पदस्थ मंत्री/ राज्य मंत्री, लोक सभा/ राज्य सभा/ राज्य विधानसभा/ राज्य विधान परिषद के पूर्व / वर्तमान सदस्य, भूत-पूर्व और वर्तमान नगरनिगम के महापौर, भूत-पूर्व और वर्तमान जिला पंचायत के अध्यक्ष.
3) केंद्रीय/ राज्य सरकार के मंत्रालयों/ कार्यालयों/ विभागों और इसकी फील्ड इकाइयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी केंद्रीय या राज्य सार्वजनिक उपक्रम और संलग्न कार्यालय/ स्वायत्त संस्थान और सरकार के अधीन स्थानीय निकाय के नियमित कर्मचारी। (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर)
4) सभी रिटायर्ड पेंशनर्स जिनकी मासिक पेंशन 10,000 / -रु या उससे अधिक है. (उपरोक्त श्रेणी 2.4.1 (सी) के मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर).
5) अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले सभी व्यक्ति.
6) डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत व्याक्ति हैं या अभ्यासरत.
इस योजना को शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के किसान दोनों ही समान रूप से लाभ उठा सकते हैं.
बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस पर 25 सितंबर 2020 से "मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना" की राशि किसानों के खाते में जानी शुरू हो गई है. इसके तहत किसानों के खाते में 2,000 रुपये की पहली किश्त जाना शुरू हुई है और फिर इतनी ही रकम की दूसरी किस्त दी जाती है.
पीएम किसान सम्मान निधि के तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार ने भी "मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना" शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों को 2000 रुपये की 2 किस्त में सालाना 4000 रुपये दी जाती है. उन सभी किसानों को "पी.एम. किसान सम्मान निधि" के तहत सालाना 6000 रुपये का लाभ भी मिलता रहेगा. इसके लिए संबंधित पटवारी/तहसील कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है.
अमूमन यह पूरी प्रक्रिया राज्य के तहसील कार्यालयों से की जाती है. ऐसा नहीं कि किश्त के लिए किसान इंतजार ही करते रह जाएं. इसलिए सरकार ने साफ कर दिया है कि किश्त की समय सीमा है और इसी समय सीमा में किसानों को लाभ की राशि उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है. जानकारी के अनुसार यह समय सीमा प्रथम किश्त 01 अप्रैल से 31 अगस्त एवं द्वितीय किश्त 01 सितम्बर से 31 मार्च के मध्य है. इसके लिए जरूरी है कि पहले पात्रता का सत्यापन होका और उसके उपरांत राज्यस्तर से भुगतान होगा.
सभी इच्छुक पात्रधारी को संबंधित पटवारी के माध्यम से आवेदन करना होता है. इसमें कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता है. ऑनलाइन आवेदन http://saara.mp.gov.in/ लिंक के माध्यम से किया जा सकता है.