
EPFO new rules 2025: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया है. अब सदस्य अपने PF खाते से पूरा पैसा निकाल सकेंगे, वो भी बिना किसी जटिल प्रक्रिया या दस्तावेज़ के. सोमवार को हुई बैठक में EPFO बोर्ड ने निकासी के नियमों को आसान बनाते हुए कई अहम सुधारों को मंजूरी दी.
यह अहम निर्णय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में लिया गया. बैठक में निकासी नियमों को सरल करने के साथ-साथ मुकदमेबाजी कम करने और डिजिटल सेवाओं को और मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई.
सात करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा
ईपीएफओ के इस फैसले से देशभर में लगभग 7 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा. इस कदम का उद्देश्य PF निकासी को सरल, पारदर्शी और पूरी तरह डिजिटल बनाना है. अब कर्मचारियों को छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
निकासी के 13 नियम अब एक आसान
पहले PF निकासी के 13 अलग-अलग नियम थे, जिन्हें अब एक ही सरल स्ट्रक्चर में जोड़ा गया है. नया सिस्टम तीन श्रेणियों में बंटा होगा...
- आवश्यक आवश्यकताएं: बीमारी, शिक्षा, विवाह
- आवास संबंधी जरूरतें
- विशेष परिस्थितियां
इन तीनों श्रेणियों में PF निकासी पहले से कहीं आसान होगी.
अब 100% तक निकाल सकेंगे PF राशि
सबसे बड़ी राहत यह है कि अब सदस्य अपने EPF बैलेंस का 100 प्रतिशत हिस्सा निकाल सकते हैं, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अंशदान शामिल होगा. पहले यह सीमा कई स्थितियों में तय होती थी. अब यह पूरी तरह लचीली हो गई है.
शिक्षा और विवाह के लिए बढ़ाई गई सीमा
शिक्षा और विवाह के लिए भी PF निकासी की सीमा बढ़ा दी गई है. अब शिक्षा के लिए 10 गुना तक और विवाह के लिए 5 गुना तक निकासी की अनुमति होगी. पहले एक सदस्य अधिकतम तीन बार आंशिक निकासी कर सकता था, लेकिन अब यह सीमा खत्म कर दी गई है.
न्यूनतम सेवा अवधि सिर्फ 12 महीने
अब किसी भी प्रकार की निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि केवल 12 महीने रखी गई है. पहले यह अवधि हर नियम के अनुसार अलग-अलग होती थी, जिससे कर्मचारियों को परेशानी होती थी.
निकासी पर कारण बताने की जरूरत नहीं
EPFO ने सबसे बड़ी राहत यह दी है कि अब सदस्यों को निकासी का कारण बताने की जरूरत नहीं होगी. इससे दावे अस्वीकार होने की संभावना कम होगी और प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी बनेगी.
खाते में रहेगा 25% अनिवार्य बैलेंस
एक सुरक्षा उपाय के तहत अब PF खाते में जमा राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा अनिवार्य रूप से बचा रहेगा. इससे कर्मचारियों को ब्याज का लाभ लगातार मिलता रहेगा और उनकी सेवानिवृत्ति बचत सुरक्षित रहेगी.
मुकदमों से राहत के लिए ‘विश्वास योजना'
बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया. ईपीएफओ ने ‘विश्वास योजना' (Vishwas Scheme) को मंजूरी दी है, जिसका मकसद PF से जुड़ी पुरानी मुकदमेबाजी को खत्म करना है. इस योजना के तहत दंडात्मक ब्याज को घटाकर 1% प्रति माह कर दिया गया है.
पेंशनभोगियों के लिए घर बैठे डिजिटल सुविधा
EPFO ने पेंशनभोगियों के लिए भी बड़ा कदम उठाया है. अब उन्हें डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (DLC) के लिए दफ्तर नहीं जाना होगा. EPFO ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ समझौता किया है, जिससे अब घर-घर जाकर यह सेवा मिलेगी — वह भी पूरी तरह निशुल्क.
डिजिटल युग में कदम: EPFO 3.0
ईपीएफओ अब पूरी तरह डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर बढ़ रहा है. नया “EPFO 3.0” सिस्टम कोर बैंकिंग, क्लाउड तकनीक और मल्टी-लैंग्वेज सेल्फ-सर्विस से जुड़ा होगा. इससे दावा निपटान तुरंत होगा और हर सेवा ऑटोमैटिक तरीके से चलेगी.
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पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में बड़ा कदम
श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इन सुधारों का मकसद पारदर्शिता, गति और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाना है. इससे ईपीएफओ सदस्य और पेंशनभोगी दोनों के जीवन में आसानी आएगी और देश की सोशल सिक्योरिटी व्यवस्था और मजबूत होगी.
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