Chhattisgarh Rajyotsava 2025: यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी गरिमामयी उपस्तिथि में आज 1 नवंबर 2025 को सभी छत्तीसगढ़वासी राज्य की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो मेरा मन गर्व और पुरानी यादों से भर जाता है. एक राज्य के रूप में हमारी यात्रा के हर कदम का मैं साक्षी रहा हूँ. मुझे याद है वह लंबा और शांतिपूर्ण संघर्ष, जो हमारी अनूठी आदिवासी संस्कृति, हमारी पहचान और हमारे संसाधनों पर हमारे अपने अधिकार के लिए था. यह सपना तब साकार हुआ जब हमारे श्रद्धेय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने हमारी आकांक्षाओं को समझा और 2000 में हमें छत्तीसगढ़ राज्य का उपहार दिया.
2014 में देश में एक बड़ा परिवर्तन आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा. पिछले 11 वर्षों में, राज्य ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर जो प्रगति की है, वह अभूतपूर्व है.
आज बस्तर के उन गाँवों तक सड़कें पहुँच रही हैं, जहाँ कभी सुरक्षा बलों के लिए जाना भी मुश्किल था. रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारा और नई रेल लाइनें पूरे बस्तर की तस्वीर बदल रही हैं. डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) फंड का सही उपयोग सुनिश्चित करके, केंद्र ने यह पक्का किया कि खदानों से होने वाली आय का सीधा लाभ वहीं के स्थानीय और आदिवासी समुदायों को मिले.
गरीब कल्याण की योजनाओं ने जमीन पर लोगों का जीवन बदला है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों परिवारों को पक्का घर मिला. उज्ज्वला योजना ने हमारी माताओं-बहनों को धुएँ से मुक्ति दी और जल जीवन मिशन हर घर तक साफ पानी पहुँचा रहा है. आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलना आज छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों के लिए सबसे बड़ा संबल है.
आज 25 साल बाद, जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो संतोष होता है. जो सपना अटल जी ने देखा था, उसे आज मोदी जी पूरा कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ अब देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक है. हमारा 'धान का कटोरा' मोदी जी के नेतृत्व में अब 'विकास का कटोरा' भी बन रहा है. यह यात्रा अभी जारी है और मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र के सहयोग से हम बहुत जल्द 'विकसित छत्तीसगढ़' के लक्ष्य को प्राप्त कर 'विकसित भारत' के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे.
जय हिन्द!
लेखक : बृजमोहन अग्रवाल, सांसद, रायपुर लोकसभा
डिस्क्लेमर : इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं.