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MP Assembly Winter Session: 5 दिवसीय होगा मध्य प्रदेश का शीतकालीन सत्र, जानिए- इतने कम समय में क्या-क्या काम करेगी सरकार

Madhya Pradesh Winter Session 2024: मध्य प्रदेश के विधानसभा का शीतकालीन 16 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार है. जानिए, इस पांच दिन के सत्र में क्या-क्या काम होंगे?

MP Assembly Winter Session: 5 दिवसीय होगा मध्य प्रदेश का शीतकालीन सत्र, जानिए- इतने कम समय में क्या-क्या काम करेगी सरकार

Madhya Pradesh Winter Session: मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा. विधानसभा सचिवालय ने इस सत्र के आयोजन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. यानी यह सत्र केवल पांच दिनों का होगा, जो सोमवार से शुरू होकर शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा. इस बार की शीतकालीन सत्र में कुल पांच बैठकें होंगी. यह सोलहवीं विधानसभा का चौथा सत्र होगा.

अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी

शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी, जिसके लिए वित्त विभाग पहले से ही तैयारियों में जुटा हुआ है. सभी विभागों से उनके प्रस्ताव मंगाए गए हैं और प्रस्तावों की समीक्षा की जा रही है. यह बजट 31 अक्टूबर तक सभी विभागों की ओर से किए गए खर्चों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसे अनुपूरक बजट में मंजूरी मिलने की संभावना है.

नए विधायकों का शपथ ग्रहण

विधानसभा सत्र में तीन नए विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. इनमें छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के कमलेश शाह शामिल हैं, जो पहले कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन पार्टी बदलकर बीजेपी से चुनाव जीतकर आए हैं. इसके अलावा, बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के विजेता भी इस सत्र में शपथ ग्रहण करेंगे.

नए विधेयक और प्रस्तावों पर भी होगी चर्चा

सत्र के दौरान 2-3 विधेयकों को भी पारित करवाया जा सकता है. पिछली कैबिनेट बैठकों में सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की थी, जिन्हें इस सत्र में पेश करने की संभावना है. सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस होने की भी आसार है.

निर्मला सप्रे की सदस्यता पर विवाद जारी

विधायक निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. कांग्रेस ने उनकी सदस्यता निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने विधानसभा अध्यक्ष को भी याचिका दी है, लेकिन 90 दिनों में कोई निर्णय न होने पर अब कांग्रेस ने कोर्ट का रुख करने की योजना बनाई है. विधानसभा सचिवालय ने सप्रे को दलीय स्थिति स्पष्ट करने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन उन्होंने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस दल का प्रतिनिधित्व करती हैं.

सत्र से पहले उपचुनावों पर राजनीतिक दलों का फोकस

वर्तमान में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल उपचुनावों पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं. जैसे ही उपचुनाव के नतीजे आएंगे, दोनों दल विधानसभा सत्र की तैयारी में जुट जाएंगे. सत्र के दौरान विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे होंगे, जबकि सत्ता पक्ष अपने महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने की दिशा में सक्रिय रहेगा.

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मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार अपेक्षाकृत छोटा है, लेकिन इसमें अनुपूरक बजट और नए विधायकों के शपथ ग्रहण से लेकर, विभिन्न विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच मुद्दों पर बहस इस सत्र को और भी महत्वपूर्ण बनाएगी.


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